सूर्योपासना का महापर्व छठपूजा का तपब्रत अस्तांचल सूर्य के अर्घ्य से आरंभ, तलाबों, नदियों पर भारी भीड़

पालघर ।। सूर्योपासना व लोक आस्था के महापर्व छठपूजा के ब्रतियों ने शनिवार सायं कुछ चौबीस घंटों के निर्जला उपवास के पश्चात जिले में स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा तैयार घाटों पर अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देकर तकरीबन 36 घंटों के कठोर निर्जला उपवास पर्व का आगाज शुरू हुआ.।आज सुबह उषाकाल में सूर्योदय के सूर्य उपासना के साथ गाय के दूध से विधिवत मंत्रोच्चार के बीच सूर्यषष्ठी का ब्रत छठपूजा संपन्न हो जायेगा ।

पालघर जिले में सजग प्रशासन के साथ जिले के स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से तमाम नदी, तलाबों अस्थायी घाटों पर साफ सफाई एवं विद्युतीय व्यवस्था के बीच साफ पानी एवं जलपान की भी व्यवस्था रखी गयी है ।

●समाजसेवियों एवं प्रशासन के तरफ से चाकचौबंद बंदोबस्त●

पालघर जिला मुख्यालय स्थित टेभोंडे रोड पर गणेशकुंड घाट पर युवा सहयोगी मित्र मंडल व छठ पुजा समिति के अध्यक्ष पं राजू शर्मा सहित औद्योगिक शहर बोईसर पूर्व बेटेगाँव, पंपापुर(यादवनगर), धनानी नगर दुर्गा मंदिर छठघाट एवं बोईसर पश्चिम में वाणगंगा घाट पर स्वयं सेवी संगठनों, विहिप बजरंग दल,हिन्दू युवा वाहिनी ने छठब्रतीयों समेत उनके साथ पहुंचने वाले लोगों के सेवा हेतु व्यापक स्तर सुविधाओं का व्यवस्था बनाये रखा.। अस्थायी बने घाटों पर छठब्रतियों के लिए पानी, जलपान, चाय ,पीने का शुद्ध जल के साथ लोगों को घाटों पर भारी भीड़ के मद्देनजर सुविधा से पानी में उतरने की ठीक तरह से व्यवस्था करते दिखे.। समाजसेवी बच्चन शुक्ला,केसीएन क्लब  तमाम सहयोगियों द्वारा बेटेगाँव,नव अभियुदय फाउंडेशन द्वारा सुर्या नदी(माकड़ चोला) महागाँव लिंक रोड पर संजय सिंह, धनानी नगर में ग्रामपंचायत सदस्य श्रीमती सुशीला तिवारी, वाणगंगा में बजरंग दल के पवन कुमार सिंह ,रोहित सिंह के साथ तमाम सहयोगी जन एवं स्थानीय पुलिस महकमें के लोग शतत प्रयत्नशील नजर आये ।

◆धनानीनगर घाट पर छठब्रतियों से आशिष लेते गणमान्यजन◆

धनानीनगर दुर्गा मंदिर के सामने छठब्रतियों से आशिष लेने के लिए पंचायत समिति सदस्य जितेंद्र (पप्पू)संखे, युवाओं के हितचिंतक रुपेश(बाली) संखे,क्षत्रिय निधि लि.के प्रशासनिक संचालक गिरजेश आर.सिंह,आनंद पाठक, शिवतेज मित्र मंडल अध्यक्ष तुलसीराम केवट,एस.के.मिश्रा समेत कई गणमान्यों ने छठमैय्या के सामने हाजिरी लगाई ।

 ज्ञात रहे भारत में सूर्योपासना के प्रसिद्ध पर्व छठपूजा मूलतः सूर्यषष्ठी ब्रत को होने के कारण छठब्रत के रुप में मनाया जाता है.।परिवारिक सुख समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर मनाया जाता है.।वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी माना गया है कि षष्ठी तिथि (छठ) को एक विशेष खगोलीय परिवर्तन होता है.। इस समय सूर्यदेव की पैराबैगनी किरणें(Ultra violet Rays) पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती है.। इस  कारण इसके संभावित कुप्रभावों से मनुष्य यथा संभव रक्षा करने का सार्मथ्य मिलता है.। छठ म़े कोई मूर्ति पूजा नही है.। सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत उनकी अर्धांगिनी उषा और प्रत्युषा है.। छठ पर्व पर सूर्य के साथ साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त अराधना की जाती है.। सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण  (प्रत्युषा) और पहली किरण (उषा) को अर्घ्य देकर श्रद्धा एवं पूरे विश्वास के साथ छठब्रती लोग नमन करते है ।

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