बोईसर पुलिस स्टेशन में दर्ज यौनाचार मामले में साढे 5 वर्ष बाद आया फैसला, आरोपी को 7 वर्ष की सश्रम करावास

पालघर ।। माननीय जिला सत्र न्यायालय की ओर से साढे़ पांच वर्ष पूर्व जिले के बोईसर पुलिस स्टेशन में दर्ज यौनाचार के मामलें में विद्वान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए अप्राकृतिक यौन शोषण के दोषी मानते आरोपी को 7 वर्ष की सश्रम करावास तथा 5 हजार रुपयें आर्थिक दंड दोनों की सजा मुकर्रर की है। इस मामलें में बोईसर पुलिस की ओर से सरकारी अधिवक्ता डी.आर.तरे एवं मामले की पैरवी कोर्ट कर्मचारी महिला सिपाही बक्कल नं.2443 व्ही.आर.अंडागले की ओर से लगातार की जा रही थीं।
         
प्राप्त समाचार के अनुसार बोईसर पुलिस स्टेशन में फरियादी पिता की ओर से मुकदमा सं.76/2014 दिनांक 03.05 14 में नाबालिग बच्चे से अप्राकृतिक दुष्कर्म किये जाने को लेकर भा.द.वि.की धारा  377 लैगिंग अत्याचार नाबालिग संरक्षण अधिनियम 2012 के कालम 3,4, के तहद दर्ज कराते हुए बताया गया था कि नाबालिग 8 वर्षीय बच्चा रेलवे स्टेशन की ओर शौचालय के लिए  गया था। जिसे फुसलाकर आम देने के बहाने घर पर ले जाकर आरोपी की ओर से दुष्कर्म किया गया।
         
बोईसर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक एस.के.पोटे द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर आरोपी अभियुक्त राजकिशोर महातम भगत(25) बोईसर क्षेत्र निवासी को गिरफ्तार करने के बाद साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए कोर्ट में पेश किया गया। तकरीबन साढ़े  पांच वर्ष पश्चात विद्वान न्यायाधीश ने चले मुकदमे में सारे तथ्य को परखते साक्ष्यों एवं गवाहानों के बायानात के मद्देनजर आरोपी को दोषी मानते निर्णायक फैसला दिया है।

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