गांव की स्वच्छता एक हकीकत

 वरिष्ठ पत्रकार डॉ.राम सिंगार शुक्ल 'गदेला' की रिप्परत

दिनांक 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू 

 23 मार्च 2020 से जनपद जौनपुर में (उत्तर प्रदेश का 17 वां जिला) स्पेशल लाक डाउन 

मा.प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 24 मार्च 2020 से पूरे भारत में 21 दिन के लाक डाउन की घोषणा:

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 ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले क्षेत्रीय ग्राम सचिवों एवं सफाई कर्मियों को अभी शासन प्रशासन द्वारा इसेंशियल सर्विसेज के लिए अधिसूचित नहीं किया गया है, अभी इन कर्मचारियों को क्षेत्र में जाने हेतु मजिस्ट्रेट स्तरीय भ्रमण पास भी उपलब्ध नहीं कराया गया है परिणाम स्वरूप आए दिन कर्मचारी क्षेत्र में जाने पर दुर्व्यवहार एवं अपमान जनक स्थितियों से दो चार होना पड.रहा हैं।लॉक डाउन के प्रथम चरण में ग्राम पंचायतों में आने वाले  बाहरी व्यक्तियों की सूचना  एकत्र करने का महत्वपूर्ण कार्य जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय सचिवों से जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लिया गया तथा बाद में बाहर से आए हुए आगंतुकों को होम क्वॉरेंटाइन/सेल्फ आइसोलेशन की जिम्मेदारी भी बगैर कोई स्वास्थ्य प्रशासनिक सुविधा उपलब्ध कराएं ग्रामीण प्रशासन को दे दी गयी,साथ ही जिला प्रशासन द्वारा गांव में रह रहे मुसहर परिवारों को आवश्यक सामग्री के पैकेट उपलब्ध कराने एवं आर्थिक रूप से असहाय निर्बल परिवारों को आर्थिक सहायता देने हेतु सूची बनाने का दिया गया जिसका बखूबी निर्वहन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीण प्रशासन द्वारा किया गया। अब जिला प्रशासन एडीओ, क्षेत्रीय सचिव  एवं सफाई कर्मचारियों से पूरे गांव को  ब्लीचिंग पाउडर,फागिंग, फिनायल आदि से सेनीटाइज करने की बात कर रहा है,जबकि ज्ञातव्य है कि  खाने-पीने, फल सब्जी  दूध,दवा,पेट्रोल पंप आदि अति आवश्यक कमोडिटीज को छोड़कर  समस्त  रासायनिक, उर्वरक,खाद बीज आदि की दुकानों सहित पूरा जिला बंद है। दुकानों पर कहीं भी ब्लीचिंग पाउडर,मशीन या स्वच्छता संबंधी सामग्री, फिनायल,मास्क,फिंगर सैनिटाइजर आदि नहीं मिल रहा है।  ग्राम पंचायतों में  कोई भी सामग्री क्रय करने की पी एफ एम एस पद्धति यह है कि सर्वप्रथम आपूर्तिकर्ता फर्म का वेंडर रजिस्ट्रेशन होता है तत्पश्चात वर्क आईडी जनरेट करने के उपरांत उनको( आपूर्तिकर्ता/फर्म ) वर्क आर्डर देते हैं , वे सप्लाई देते हैं और उनके बिल का डोंगल सिस्टम से ऑनलाइन पेमेंट किया जाता है। कोई भी दुकानदार ऐसा नहीं है जो इस व्यवस्था के तहत हमको (ग्राम पंचायत को) उधार सामग्री देने को तैयार हो जबकि जिला प्रशासन  के आदेश जनपद के समस्त दुकाने बंद है एवं कहीं से भी इसकी आपूर्ति सुनिश्चित होती नहीं दिख रही।

 इस विश्वव्यापी महामारी को समाप्त करने के लिए स्वच्छता का निश्चित तौर पर विशेष महत्व है, ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि वह यह सुनिश्चित करें कि ग्राम पंचायत स्तर पर स्वच्छता संबंधी सामग्री क्रय करने हेतु संबंधित फर्मों को वर्क आर्डर जारी हो या  जिला प्रशासन के द्वारा अपनी देखरेख में समस्त ग्राम पंचायतों  को  केंद्रीय स्तर पर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाय। । सभी एसेंशियल सर्विसेज के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी,ग्राम विकास अधिकारी,लेखपाल एवं सफाई कर्मचारियों को विधि सम्मत प्रशासनिक ढंग से नामित किया जाना चाहिए। उनके लिए भी सामाजिक स्वास्थ्य  सुरक्षा इंश्योरेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। सामाजिक स्वास्थ्य  को बेहतर बनाने  एवं  शासन प्रशासन से आ रहे  नित्य नए निर्देशों  को क्षेत्रीय स्तर व्यवहारिक रूप से इंप्लीमेंट करने में  आ रही व्यवहारिक खामियों एवं परेशानियों पर उच्च एवं निचले स्तर  पर सतत संवाद होना चाहिए। आखिर क्षेत्रीय सचिव, लेखपाल एवं सफाई कर्मचारियों की 6000 से अधिक की संख्या को बिना किसी सुरक्षा भ्रमण पास, स्वच्छता संबंधी सामग्री एवं उपकरण एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए बगैर ग्राम पंचायतों में भेज देना सोशल डिस्टेंसिंग सेल्फ आइसोलेशन/ क्वॉरेंटाइन के सिद्धांत को पूरी तरह नकारने जैसा होगा आखिर कैसे अपनी लक्ष्मण रेखा पार करने के बाद भी हम सभी ग्राम पंचायतों को इस वैश्विक महामारी से स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकेंगे,यह यक्ष प्रश्न है....!

    

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