केटीएस अजय शर्मा नन्दवंशी का जय कर्पूरी जय भीम जय नन्द नमो बुद्धाय जय भारत सम्मानित समाज प्रेमी साथियों आज पुन सिर्फ नन्दवंशियों से ही मेरी

जौनपुर एक अपील  मित्रों,पूरे भारत के नन्दवंशियों में एक देश,एक जाति और एक संगठन का ही दर्द छलकते दिखता है,वैसे तो मैं संगठन बहुलता और एकता दोनों का समर्थक हूँ, या तो इतने संगठन हों कि पूरे भारतवर्ष के नन्दवंशियों में अपने महापुरुषों,उनके इतिहास,भारतीय संबिधान और उनके मौलिक अधिकारों की जानकारी दे सकें या फिर एक संगठन हो और पूरे भारतवर्ष के नन्दवंशियों के हर परिवार में उसका कार्यकर्ता हो जिसके माध्यम से अपने महापुरुषों,उनके इतिहास,संबिधान और उनके मौलिक अधिकारों की जानकारी हर नन्दवंशी को हो सके।मित्रों!दोनों बातें कठिन हैं पर नामुमकिन नहीं यदि वाकई हमारे नन्दवंशी नेताओं,कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नन्दवंशी समाज के प्रति सच्ची श्रद्धा हो तो अनेकता में भी एकता का इतिहास भी है और वर्तमान भी है।हमारी जानकारी में  सामाजिक संगठन के राजनीतिकरण होने का परिणाम गैर संबैधानिक,गैर नीतिगत,गैर सैद्धांतिक अर्थात पूर्णतः ब्यक्तिगत होता है और राजनीतिक संगठन के सामाजीकरण होने का परिणाम संबैधानिक,नीतिगत,सैद्धांतिक और सामाजिक होता है।वर्तमान समय में पूरे भारतवर्ष में कोई भी नन्दवंशी सामाजिक संगठन ऐसा नहीं जिनका राजनीतिकरण न हो,ऐसे में किसी संगठन,उसके राष्ट्रीय/प्रदेश/जिला से लेकर किसी भी इकाई के अध्यक्ष महोदय के स्वजातीय सामाजिक दर्द की परिभाषा अबूझ पहेली से कम नहीं,पूरे भारतवर्ष में जातीय श्रेष्ठता पद्धति से जिस जाति ने राजनीतिक संगठन का सामाजीकरण करके शुद्ध शासकों का अंत कर अपने अखण्ड राजनीति को स्थापित कर 97.3% आवाम को अपना गुलाम बना लिया उसकी आबादी भारतीय नन्दवंशियों की आबादी से कम है,इतिहास और वर्तमान से इस बात को समझा जा सकता है कि भारतीय समाज में प्रजातीय श्रेष्ठता पद्धति का संग्राम हिन्दू बनाम मुस्लिम नहीं है बल्कि हिंदुत्व,सिर्फ बुद्धिज्म नन्दवंश का इतिहास मिटाने हेतु राजनीतिक संगठन का सामाजीकरण करने का मिशन है,जिसके असीमित शक्ति के बल पर भारतवर्ष की 97.3%आबादी सामाजिक गुलाम और उसमें भी  85%आबादी सामाजिक और राजनीतिक दोनों तरह की गुलाम और संबैधानिक अधिकार वंचित है।अब मेरे अनुभवहीन लेख पर चिंतन करें कि आजादी से अब तक नन्दवंशी जातीय संगठनों और उनके अध्यक्षों ने स्वयं के सिवाय अपने नन्दवंशी समाज के लिए क्या हासिल किया यदि कोई उपलब्धि हो तो कमेंट करें।आज के लिए बस इतना ही,इसके आगे का बिचार अगले लेख में ,जय नन्द नमो बुद्धाय केटीएस अजय शर्मा नन्दवंशी।

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