एक अरब 14 करोड़ की लागत में बनेगे पंचायत भवन सामुदायिक शैचालय

जिले में पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय बनेंगे इसके लिए ग्राम पंचायतों में तैयारी शुरू

अम्बेडकरनगर ।। जिले में एक अरब 14 करोड़ 50 लाख की लागत से 429 पंचायत भवन और 137 सामुदायिक शौचालय बनेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायतों में तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय का निर्माण 15वेंवित्त और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से कराया जाएगा।सरकार का मानना है कि अभी भी प्रदेश के तमाम जिलों में पंचायत भवन नहीं बने हैं। पंचायत भवन ग्राम पंचायतों में पूर्व में बनाए गए हैं। आदेश है कि ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान बैठकर जनता की समस्याओं को सुनेंगे। इसलिए इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। जिले में भी अभी कई ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं बने हैं इसलिए अब ऐसे ग्राम पंचायतों में 429 पंचायत भवन बनाए जाने हैं। एक पंचायत भवन की लागत 24.85 लाख रुपए है। जिला विकास अधिकारी/ प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इसके साथ ही जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 137 सामुदायिक शौचालय भी बनाए जाएंगे। एक सामुदायिक शौचालय की लागत 5.71 लाख रुपए है। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण ऐसी जगह पर किया जाएगा जहां पर ग्राम पंचायत के अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें। उन्होंने बताया कि यह कार्य 15वें वित्त और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के पैसे से ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी कराएंगे। इसके लिए जिले के छह सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में धन भी आ गया है। इसकी समय सीमा 25 अक्टूबर तक तय की गई है। जिला विकास अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही 111 न्याय पंचायतों में सॉलि़ड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत शोकपित, कंपोस्ट पिट और अन्य कचरा निस्तारण के संसाधन बनाए जाएंगे। इसके लिए किसी तरह के धन का प्रावधान नहीं किया गया है। जरूरत के हिसाब से जितना पैसा व्यय होगा उसे लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्य को इस तरह से कराने का निर्देश है कि शासनादेश का विचलन न हो। निर्गत आदेशों के तहत ही सारे कार्य कराए जाएंगे। किसी तरह की लापरवाही या अनियमितता सामने आने पर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।पूर्व में बने पंचायत भवन हो चुके है खंडहरसरकार ने पंचायतों में भले ही पंचायत भवन बनाने का आदेश दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि पूर्व में जो पंचायत भवन बनाए गए थे उनकी हालत बहुत ही बदतर है। स्थिति यह है कि वहां पर कोई खड़ा भी नहीं हो सकता है।  अधिकांश खंडहर हो चुके हैं। 

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