
कारगिल विजय दिवस पर शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी के पैतृक गांव में विजयी उत्सव मनाया गया
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Jul 26, 2020
- 258 views
ब्यूरो चीफ देवेन्द्र कुमार के साथ शिवहर से संवाददाता संजय गुप्ता की रिपोर्ट
बिहार / शिवहर ।। हमारे देश के वीर जवान जो अपने देश की रक्षा करते करते शहीद हो गए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता ऐसे वीर जवानों को आज भी लोग अपने सर आंखों पर बैठा कर रखते हैं अपने दिलों में उनकी यादें बसाए हुए हैं .कारगिल विजयी दिवस पर जिले के पूरनहिया प्रखंड के चंडीहा गांव में कारगिल युद्ध के विजेता कारगिल शहीद स्वर्गीय मेजर चंद्रभूषण द्बिवेदी के पैतृक निवास स्थान पर उनके बड़े भाई श्याम सुंदर द्बिवेदी, पूर्व जिला परिषद सदस्य सह सामाजिक कार्यकर्ता अजब लाल चौधरी, संघर्ष समिति के संयोजक संजय संघर्ष सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता हरिशंकर जायसवाल सहित कई लोगों ने कारगिल विजय दिवस मनाते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी है। बता दे कि माह मई, जुलाई 1999 में भारत - पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिंदुस्तान के तकरीबन 527 जवान शहीद हुए थे इनके अलावा 13 सौ से ज्यादा जवान जख्मी हुए थे जिसमें शिवहर जिले के चंडीहा निवासी मेजर चंद्र भूषण द्बिवेदी भी ग्रास एवं कारगिल इलाके में घुसी हुई घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय की शुरुआत की थी जिसमें दुश्मनों की गोली से घायल होने के बावजूद सभी घुसपैठियों को मौत की नींद सुलाकर हमेशा के लिए शहीद हो गए थे। बताते चलें कि मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी के यूनिट में एक नागा, 8 सिख, 17 जाट, और 16 ग्रेनेडियर्स की मदद करती थी, जिन्होंने बाद में तोलोलिंग प्वाइंट- 5140, ब्लैक टूथ टाईगर हिल, गन हिल, महार लिए,और द्रास में संडो टॉप पर कब्जा जमा लिया था उस समय मेजर चंद्र भूषण द्बिवेदी की जिम्मेवारी थी कि ऑर्टोलेरी का सर्वे करना, रोज सुबह निकाल कर देखना की कौन सी यूनिट को कहां रोकने की जगह मिल सकती है, पार्क कहा किए जाएंगे ,सब हथियार समय पर आ रहा है, फायरिंग ठीक हो रही है कि नहीं, सबकी देखरेख करने की जिम्मेदारी थी। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पूर्व जिला पार्षद अजब लाल चौधरी, संघर्ष संजय सिंह तथा उनके बड़े भाई श्यामसुंदर द्विवेदी ने बताया है कि सचमुच एक योद्धा थे उनकी संकल्प शक्ति के बदौलत ही हम लोग सुरक्षित व संरक्षित है। गौरतलब हो कि स्वर्गीय बिंदेश्वरी द्विवेदी व स्वर्गीय इंद्रासन द्विवेदी के घर 2 जनवरी 1961 को जन्मे 3 बच्चे बच्चियों में सबसे छोटे मेजर चंद्र भूषण द्विवेदी ने कारगिल ऑपरेशन विजय के दौरान अपनी वीरता का प्रदर्शन कर मिसाल कायम किया था। इस बाबत जिला के देश प्रेमियों ने कारगिल विजेता स्वर्गीय मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी के प्रतिमा को भी प्रखंड स्तर एवं जिला स्तर पर बनाने की मांग की है ताकि आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए शहादत देने वाले की वीर गाथा को याद किया जाता रहे। हालांकि उनके समाधि स्थल गांव से दूर होने के कारण उपेक्षित महसूस किया जाता है परंतु जिला प्रशासन शिवहर के द्वारा हाल ही में लाखों की लागत से स्मारक स्थल का सौंदर्यीकरण का शिलान्यास किया गया, बरसात के कारण कार्य रुका हुआ है। आज के समय इन बरसातों में उनके स्मारक स्थल तक पहुंचना काफी मुश्किल है, जबकि उनके बड़े भाई श्यामसुंदर द्विवेदी ने बताया है कि सांय काल उनके स्मारक स्थल पर जाकर कैंडल जलाया जाएगा !
रिपोर्टर