कलियुग में हरिकीर्तन मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है-आचार्य श्री राघव जी

समोधपुर, जौनपुर।


जौनपुर जनपद के सुइथाकला विकास खण्ड के समोधपुर गाँव में स्थित सिद्धपीठ रामजानकी मंदिर जिसे क्षेत्र में लोग श्री श्री 108 बाबा रामयज्ञ दास जी की कुटी के उपनाम से भी जानते हैं, के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के तृतीय दिवस की कथा में कथा व्यास आचार्य श्री राघव जी ने भगवान कपिल के अवतार,  वाराह अवतार , भक्त ध्रुव पर कृपा, जड़ भरत की कथा का विस्तृत वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता आनंदविभोर हो उठे। कथा व्यास जी ने सभी लोगों को कथा का निचोड़ बताते हुए कहा कि कलियुग में हरि कीर्तन , सतयुग के लाख,त्रेता के दस हजार , द्वापर के 100 वर्षों के तप के समान फल देने वाला है।


कथा के मुख्य यजमान धर्मेंद्र सिंह“ पिंटू” अधिवक्ता उच्चन्यायालय ,प्रयागराज ने शिष्य भाव से कथा व्यास आचार्य श्री राघव जी की आरती किया जिसके बाद भगवान की कथा का रस कथाव्यास जी महाराज के मुखारविन्द से अनवरत कथा विश्राम तक झरता रहा जिसको सभी प्रभुभक्तों ने अपने कर्णपुटों से ग्रहण करते हुए अपने जीवन को धन्य अनुभव किया। इतनी अल्पआयु में प्रभु की कृपा से जो सरस  ज्ञानधारा कथाव्यास जी के मुख से बहती है उससे सभी भक्तजन आश्चर्यचकित तो हैं ही किन्तु स्वयं को इस अवसर का लाभार्थी जानकर धन्य भी महसूस करते हैं।लोग इनकी प्रतिभा देखकर यह महसूस कर रहे हैं कि पहले के हमारे गुरुकुलों में निश्चय ही परमविद्वान तैयार हुए हैं जिनकी लिखी रचनाएं आज भी हमारे जीवन को सवारने में उतनी ही प्रासंगिक हैं जितना कि हम सुनते आए हैं। 

कथा आयोजक आचार्य श्री सत्येंद्र मिश्र जी और मुख्य यजमान श्री धर्मेंद्र सिंह जी की भी क्षेत्र में भूरि भूरि प्रशंसा लोग कर रहे हैं जिनके प्रयास से ऐसे विद्वान इस सिद्धपीठ पर पधारकर हरि कथा सुनाकर हम लोगों का जीवन धन्य कर रहे हैं। दिव्य  कथामंच , सजावटी टेंट व श्रोताओं के बैठने की उत्तम व्यवस्था का सहयोग श्री फतेह बहादुर सिंह जी द्वारा किया गया है जिसकी क्षेत्र के लोग खूब प्रशंसा कर रहे हैं । वास्तव में वह धन,बल और बुद्धि ही सार्थक है जो समाज के उत्थान में लगती है। कथा श्रवण के लिये सैकड़ो की सँख्या में भक्त श्रोता उपस्थित रहे औऱ विश्राम आरती के उपरांत अपने अपने घरों को प्रस्थान किया।

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