भिवंडी में फेरीवाले की मौत पर बवाल आयुक्त और अधिकारी बर्खास्त होंगे या बचेंगे ?

भिवंडी। भिवंडी में अवैध इमारत निर्माण के दौरान ट्रॉली गिरने से कपड़ा फेरीवाले अकबर बजीर सैय्यद की दर्दनाक मौत के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मनपा आयुक्त अजय वैद्य और नियंत्रण अधिकारी सुदाम जाधव से जवाब तलब किया है। मामला इतना गंभीर हो गया है कि अब आयुक्त और अधिकारियों के निलंबन की मांग उठने लगी है।

"मौत या हत्या?" मानवाधिकार आयोग ने उठाए गंभीर सवाल ::::

21 अक्टूबर को शास्त्री नगर में एक अवैध तीन मंजिला इमारत निर्माण के दौरान ट्रॉली गिरने से अकबर सैय्यद की जान चली गई। इस हादसे को आयोग ने प्रशासनिक लापरवाही का सीधा परिणाम बताया है। सुमोटो याचिका (KKT/Suo Moto No-5996/13/30/2024) में आयोग ने साफ तौर पर कहा, "यह मामला अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण को बढ़ावा देने और अपने कर्तव्यों की अनदेखी का है।"

आयुक्त और नियंत्रण अधिकारी के निलंबन की मांग तेज ::::

शिकायतकर्ता परमेश्वर संपतराव अंभोरे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आयुक्त अजय वैद्य और सुदाम जाधव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "इन अधिकारियों की मिलीभगत से भिवंडी में अवैध निर्माणों का जाल फैला हुआ है। पिछले दो वर्षों में 385 अवैध इमारतें खड़ी कर दी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

अवैध निर्माण: मौत का खेल जारी ?‌::::::

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्रशासन जानबूझकर अवैध इमारतों को संरक्षण दे रहा है। कई इलाकों में अब भी अवैध निर्माणों का कार्य खुलेआम चल रहा है। यह मामला केवल एक मौत का नहीं है, बल्कि भिवंडी में भ्रष्टाचार के गहरे दलदल की ओर इशारा करता है।

शहर में बढ़ता गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी ::::

इस घटना के बाद शहरवासियों का गुस्सा फूट पड़ा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "यह केवल अकबर की मौत का मामला नहीं है। यह भ्रष्टाचार और बेईमानी से भिवंडी की सड़कों पर खेली गई हत्या है।"

भविष्य क्या है? प्रशासन चुप या जिम्मेदार ? :::

मानवाधिकार आयोग के आदेश के बावजूद प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है। आचार संहिता समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई। क्या आयुक्त और अधिकारी कानून के शिकंजे में आएंगे, या फिर यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा ?

भिवंडी के लिए चेतावनी ::::

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस बार कार्रवाई नहीं हुई, तो भिवंडी अवैध इमारतों और भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाएगा। प्रशासन पर जनता का दबाव लगातार बढ़ रहा है, और अब यह मामला सरकार और न्यायपालिका की साख पर भी सवाल खड़ा करता है। शहर के लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या अकबर सैय्यद को इंसाफ मिलेगा, या उनकी मौत केवल आंकड़ों का हिस्सा बनकर रह जाएगी ? प्रशासन के लिए यह एक आखिरी मौका है—या तो कार्रवाई करें, या भिवंडी में जनता का गुस्सा एक नई क्रांति की नींव रख देगा।

रिपोर्टर

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