जारी है अवैध निर्माण पर साहब नींद में है ! पनवारी के अवैध इमारत पर कधी होणार कार्रवाई ?
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- May 28, 2021
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भिवंडी।। शहर में अवैध रूप से बन रही इमारतों की संख्या सैकड़ों में हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अधिकारी हमेशा खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेते है.जिसके चलते शहर में हजारों अवैध इमारते मनपा के अधिकारियों की मिलीभगत से खड़ी हो गयी है.जिसका जिता जागता सबूत मनपा के प्रभाग समिति क्रमांक चार अंर्तगत मौजे नारपोली सर्वे नबर 38, पुराना घर नंबर 776, 777 बन रही पांच मंजिला अवैध इमारत है.आश्चर्य की बात है यह बिल्डिंग एक पनवारी छाप बिल्डर बना रहा है.यही नहीं मनपा के किसी तज्ञ इंजिनियर ने इसका नक्शा भी पास नहीं किया है. सुत्रों व प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो यह बिल्डिंग पनवारी ने मात्र तीन महीने में बनाकर खड़ी कर दिया है.आनन फानन में बनी यह अवैध इमारत कभी भी ताश के पत्ते के समान गिर सकती है.जिसका खामियाजा इसमें रहने वाले को भुगतना पड़ सकता है.जिलानी बिल्डिंग हादसे की पुनरावृत्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बहरहाल मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ने अवैध इमारतों पर कार्रवाई करके जीपीएस फोटो खींचने का आदेश बहुत पहले ही दे चुके है किन्तु प्रभाग अधिकारी व अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी निभा रहे विश्वासपात्र कई अधिकारियों ने इनके आदेश की जमकर धज्जियां उड़ाई है और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी गुमराह किया जाता रहा है।
शहर में अवैध रूप से बनें अपार्टमेंट और अन्य बिल्डिंगो की संख्या हजारों में है.जिसे प्रभाग अधिकारी और उनके पास मौजूद रिकार्ड्स भी मानते हैं.लेकिन पिछले पांच सालों में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ गिनी चुनी बिल्डिंगो पर ही मनपा प्रशासन का हथौड़ा चल सका है.जो कि अवैध निर्माण की फेहरिस्त को कहीं से कम करता हुआ नहीं दिखाई पडा.शायद यही कारण है कि शहर का अनियोजित ढंग से विकास होता चला जा रहा है, जिसका खामियाजा शायद हमें आने वाले सालों में उठाना भी पड़े। जानकारी के मुताबिक यदि एक बार बिल्डिंग बन गई तो कोर्ट के आदेश के बिना उसे गिरा पाना आसान नहीं है.आलम यह है कि शहर में सील इमारतों पर निर्माण कार्य हो रहे है.वहीं चिन्हित की गई अवैध निर्माणों की सूची के तहत बड़ी संख्या में अवैध निर्माण और नियम विपरीत उपयोग करने वाले इमारतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.सभी अवैध निर्माण उसी तरह खड़े हुए है.जिसका नतीजा है कि लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
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