सत्यगाथा



भजन भाव के ताव मे बहक गयी रे चाल 

भूल  राम धुन मगन हो , लगे पटाने माल 

लगे  पटाने  माल , कमाल किया है भारी 

बीते साठ वसंत , हलाला अब तक जारी 

कह  बृजेश कविराय , अरे ये मैटर छोटा 

फंसे प्रेम के फाँस , भजन सम्राट जलोटा 


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