ठोंगी बाबा ने महिला से ठगे 8.87 लाख काले जादू के नाम पर की ठगी

भिवंडी।  महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून लागू होने के बावजूद ठोंगी बाबाओं द्वारा भोले-भाले नागरिकों को ठगने के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा घटना में भिवंडी की एक महिला से उसके बीमार पति और बेटे पर काले जादू के प्रभाव को खत्म करने का झांसा देकर 8.87 लाख रुपये ठगे जाने का मामला प्रकाश में आया है। ठगी का शिकार हुई महिला का नाम नुसरा अख्तर अलीम अंसारी (46) है। आरोपी बाबा का नाम हजरत बाबा उर्फ अमजद असद खान है।

पुलिस के अनुसार, नुसरा के पति अख्तर लंबे समय से बीमार थे, लेकिन इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा था। अक्टूबर 2023 में, हजरत बाबा नाम का व्यक्ति पीड़िता के दुकान पर ग्राहक बनकर आया और बातचीत के दौरान उसे बताया कि उसके पति और बेटे पर काला जादू किया गया है। बाबा ने दावा किया कि यदि काला जादू नहीं हटाया गया तो उसका बेटा छह महीने में अपनी जान गंवा देगा। बाबा ने पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए घर पर पूजा की और अंडे से कील निकालकर दिखाया। इसके बाद, उसने काला जादू हटाने के लिए कब्रिस्तान से एक मृत शरीर लाने की बात कही और इसके लिए 10 लाख रुपये की मांग की। सौदा 8 लाख रुपये में तय हुआ। बाबा पीड़िता और उसके परिवार को चांदवड़, मालेगांव ले गया और वहां अपने साथी के जरिए झूठे तौर पर मृत शरीर का इंतजाम होने की बात कही। उसने एक बॉक्स में नकली शव लाकर गैबी नगर में रखने का दावा किया। विश्वास दिलाने के लिए बाबा ने एक शव की फोटो भी पीड़िता को मोबाइल पर भेजी। इतना ही नहीं, बाबा ने पीड़िता के परिवार को कर्ज लेने के लिए उकसाया और 3 लाख रुपये का कर्ज प्राइवेट साहूकार से 9% मासिक ब्याज पर दिलवाया। बाद में, बाबा ने कोई काम नहीं किया, जिससे परिवार को ठगी का एहसास हुआ। पीड़िता ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की मुक्ता डाभोलकर से संपर्क किया। उनकी सलाह पर भिवंडी जिला अध्यक्ष वंदना शिंदे ने पुलिस आयुक्त को इस घटना की जानकारी दी। शिकायत के आधार पर, शांतीनगर पुलिस थाने में हजरत बाबा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 316(2) और 2013 के जादूटोना विरोधी कानून की धारा 3(1) व 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर 15 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि उसने अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगा है या नहीं। भिवंडी शहर के अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर गोसावी ने कहा कि इस घटना से पता चलता है कि शिक्षित लोग भी भय के कारण अंधविश्वास के शिकार हो जाते हैं। उन्होंने नागरिकों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की और प्रशासन से आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की।

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