संझौली सीडीपीओ की मनमानी से सेविकाओं में आक्रोश ब्याप्त, पत्रकारों का कॉल रिसिभ करने से कर रही परहेज

रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह


बिक्रमगंज/रोहतास ।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुशाशन की सरकार में अधिकारियों की मनमानी पूर्ण रवैया से आम आवाम काफी त्रस्त है। जिसका जीता जागता प्रमाण रोहतास जिले के संझौली प्रखंड में देखने को मिल रहा है, जहा सीडीपीओ सरोज हांसदा के आगे किसी की नही चलती है। सीडीपीओ के इस रवैए से संझौली प्रखंड के अलावे राजपुर व अकोढ़ी गोला की सेविकाएं काफी त्रस्त है। 

बताते चलेकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीडीपीओ सरोज हांसदा को बिभाग के द्वारा संझौली के अलावे राजपुर व अकोढ़ी गोला प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जिसके बदौलत सीडीपीओ सरोज हांसदा की मोटी रकम की कमाई भी होती है। 

संझौली प्रखंड की सेविकाओं के द्वारा नाम उजागर नही करने की शर्त पर इस बात का खुलासा किया गया कि सीडीपीओ सरोज हांसदा के द्वारा प्रतिमाह ओटीपी का सत्यापन सेविकाओं से कराया जाता है, परन्तु प्रतिमाह पोषाहार की निकासी नही करायी जाती है, जिसके कारण लाभार्थी आईसीडीएस से मिलने वाली लाभ व सुविधाओं से वंचित रह जाते है। 

इतना ही वर्षो से सेविकाओं के द्वारा किराए के मकान में चलाए जा रहे केंद्र का किराया, सेविकाओं के द्वारा प्रतिमाह किए गए अनप्राशन व गोदभराई तथा मोबाईल रिचार्ज की राशि का भुगतान नही किया जा रहा है, और जब सेविकाओ के द्वारा भुगतान करने की बात की जाती है तो सीडीपीओ सरोज हांसदा के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए सेविकाओ के साथ दुर्बयवहार भी किया जाता है, जिसको लेकर प्रखंड की सेविकाओं में काफी रोष ब्याप्त है। सेविकाओ के सामने यह सवाल एक पहेली बनकर रह गयी है कि आखिर जब सेविकाओ को पोषाहार का भुगतान नही किया जाता है तो फिर प्रतिमाह ओटीपी सत्यापन कराने के पीछे सीडीपीओ सरोज हांसदा का क्या उदेश्य है। इतना ही नही आईसीडीएस के द्वारा सीडीपीओ को सरकारी नम्बर जारी किया गया है ताकि जनता को किसी भी तरह की असुविधा नही हो, लेकिन महोदया के द्वारा सरकारी नम्बर पर आने वाले आम आवाम का कॉल भी रिसिभ नही किया जाता है। 

इतना ही नही जब इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के पत्रकारों के द्वारा सरकारी नम्बर पर कॉल किया गया तो इस तानाशाह सीडीपीओ ने पत्रकारों के सवालों में घिरने की वजह से पत्रकारों का फोन रिसिभ करना भी उचित नही समझा, जो इनके घोर लापरवाही को दर्शाता है।

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