अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव द्वारा भेजी गई नोटिस का मामला गरमाया

ग्राम पंचायत के गठन के बावजूद भी दखल दे दे रहे अयोध्या विकास प्राधिकरण सचिव ...


अयोध्या ।। अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव द्वारा बिना किसी आदेश निर्देश को सराय रासी गांव में एक पुराने मकान को सील किए जाने की नोटिस दिए जाने का मामला पूरी तरह से गरमा गया है।

नोटिस मिलने के बाद मकान स्वामी अशोक सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की गुहार की है। यही नहीं विकास प्राधिकरण कर्मी स्थानीय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे जहां ग्रामीणों के बीच टकराव होते होते बचा और प्राधिकरण कर्मी ग्रामीणों के कड़े तेवर देख बैरंग वापस लौट लिए।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के सदर तहसील अंतर्गत विकासखंड पूरा बाजार के सराय रासी गांव में अशोक सिंह का 12 स्क्वायर फीट में मकान स्थित है। जिसमें वह अपने पूर्वजों के जमाने से सपरिवार निवासरत हैं। बीते 28 अगस्त को अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या के सचिव आरपी सिंह की तरफ से एक पत्र नोटिस अशोक सिंह को प्रेषित की गई जिसमें आरोप लगाया गया है कि आप द्वारा 12 स्क्वायर फीट में अवैध एवं अनाधिकृत निर्माण किया गया है सचिव द्वारा निर्माण कार्य को अवैध बताते हुए उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास प्राधिकरण 1973 की धारा 28 क के तहत सील करा दिए जाने का अल्टीमेटम देते हुए बीते 3 सितंबर को प्रभावी कार्यवाही किए जाने का नोटिस भेज दिया गया था।

यही नहीं जी नोटिस के क्रम में महाराजगंज थाने की पुलिस फोर्स एवं विकास प्राधिकरण कर्मी भी मौके पर पहुंच गए थे। जिन्हें देख ग्रामीण भड़क गए थे और खूब जमकर हंगामा होने लगा था जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम के हाथ पांव फूल गए थे और उन्होंने वापस अपने कार्यालयों की राह पकड़ ली थी। उधर नोटिस मिलने के बाद मकान और भूस्वामी अशोक सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया कि उनके गांव में अभी हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत का गठन हुआ है जिसमें अनीता देवी ग्राम प्रधान भी निर्वाचित हुई है। मकान से संबंधित एक बाद भी सिविल न्यायालय में विचाराधीन है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 में साफ-साफ उल्लिखित है कि यदि सिविल न्यायालय में वाद विचाराधीन है और स्थगन आदेश भी पारित है तो अन्य किसी संस्था द्वारा अपने क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली 1994 के नियम 141(4) में व धारा 12 ( सी ) एक और 6 में स्पष्ट किया गया है कि जब तक गांव में पंचायत चुनाव हो तब तक किसी अन्य नगर पालिका अथवा प्राधिकरण द्वारा किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप का अधिकार ही नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि मकान के बावत प्राधिकरण द्वारा केवल शिकायत के आधार तथा शिकायतकर्ता के प्रभाव में आकर नोटिस जारी की गई है। जो पूरी तरह से निराधार है। क्योंकि ग्राम पंचायत में प्राधिकरण के नियम व शर्तें किसी भी प्रकार से लागू ही नहीं है। इस प्रकार से अयोध्या नगर निगम अंतर्गत प्राधिकरण के सचिव द्वारा मनमाने ढंग से अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग किए जाने का मामला पूरी तहसील क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

रिपोर्टर

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