पत्नी द्वारा पति से तलाक के लिए दिये जा रहे दबाव से अवसाद ग्रस्त होकर पति की मौत

मृतक युवक के पिता द्वारा अपर सिविल जज तृतीय न्यायालय अयोध्या के समक्ष परिवाद करवाया दर्ज ...


बीकापुर, अयोध्या ।। कोतवाली बीकापुर जनपद अयोध्या के अंतर्गत ग्राम पंचायत रामनगर पूरे चौबे का पुरवा  निवासी नानक चंद मिश्रा ने अपने छोटे पुत्र पंकज कुमार मिश्रा की  29सितंबर को अवसाद ग्रस्त होकर हुई मृत्यु के जिम्मेदार मृतक की पत्नी रेनू मिश्रा एवं सास आशादेवी पत्नी कृष्ण कुमार मिश्रा व ससुर कृष्ण कुमार मिश्रा पुत्र स्व.कालिका प्रसाद मिश्र निवासी ग्राम रानी पुर, पो.-बलभद्र पुर, थाना- जामों, गौरीगंज, जनपद-अमेठी को मृतक के मोबाइल से प्राप्त व्हाट्सएप चैट एवं फोन काल रिकॉर्डिंग के आधार पर ठहराया है।

मृतक के पिता नानक चंद मिश्रा के अनुसार मृतक करीब 16 वर्ष से दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। 01वर्ष पूर्व पत्नी एवं ससुर के लगातार अलग रहने के दबाव के चलते मृतक अपने परिवार से अलग होकर पत्नी एवं बच्चों को साथ दिल्ली में रखकर अपना जीवन यापन कर रहा था, मृतक के ससुर कृष्ण कुमार मिश्रा भी दिल्ली में ही प्राइवेट नौकरी करते थे एवं मृतक के आवास पर आते जाते रहते थे एवं मृतक का ही खाते पीते थे और मृतक का रूपया भी मृतक की पत्नी से ले लिया करते थे ।

मृतक द्वारा 80 हजार रुपए एवं प्राविडेंट फंड से निकाले गए अग्रिम दो लाख दस हजार रुपए भी मृतक की पत्नी ने मृतक से बहाने से लेकर मृतक के सास ससुर को दिया था जिसमें से 80 हजार रुपए मृतक की सास ने अपने नाम बैंक में एफ.डी. करवाया गया है। 

 जब मृतक ने रूपयों के बावत अपनी पत्नी से पूछताछ किया तो मृतक को उसकी पत्नी एवं ससुर ने मिलकर मारा-पीटा और तलाक देने के लिए दबाव देने लगे।

मृतक के पिता नानक चंद मिश्रा भी दिल्ली में एक शिव मंदिर में रहकर बतौर पुजारी शिव जी की आराधना करते हैं। मृतक युवक रोज रोज की मारपीट और लड़ाई झगडे से आजिज आकर अपनी मृत्यु से एक माह पूर्व अपने पिता के पास मंदिर में आकर रहने लगा था। यहां पर भी मृतक को उसकी पत्नी लगातार व्हाट्सएप चैट एवं फोन काल द्वारा तलाक के लिए लगातार दबाव बना रही थी जिसकी वजह से मृतक अवसाद ग्रस्त हो गया।

मृतक के पिता जब मंदिर की जिम्मेदारी और वृद्धावस्था की वजह से मृतक की देखभाल करने में असक्षम महसूस करने लगे तो यहां गांव में रह रहे अपने ज्येष्ठ पुत्र पवन मिश्रा को दिल्ली बुलाकर मृतक को बड़े पुत्र के साथ देखभाल एवं इलाज हेतु चौबे का पुरवा, रामनगर गांव भेज दिया । लेकिन सास, ससुर एवं पत्नी के द्वारा दिये गये मानसिक एवं शारीरिक यातनाओं की वजह से मृतक की हालत निरंतर बिगड़ती गई, 28 सितंबर को मृतक की स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर मृतक के बड़े भाई ने मेडिकल कालेज दर्शन नगर (अयोध्या) में दाखिल करवाया, जहां पर इलाज के दौरान  29 सितंबर को पंकज मिश्रा की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।

मृतक का मोबाइल फोन चेक करने पर जब सच्चाई का पता मृतक के पिता को चला तो मृतक के पिता ने 06 नवंबर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या डाक रजिस्ट्री द्वारा लिखित सूचना देकर प्रकरण पर मुकदमा दर्ज करने हेतु निवेदन किया किंतु वहां से सुनवाई न होता हुआ देखकर 23 नवंबर को अपर सिविल जज तृतीय के समक्ष वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या को दिये गये प्रार्थना पत्र की प्रति के साथ निवेदन किया जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है ।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट