मार्केट में बिक रही है प्रतिबंधित मांगूर मछली

भिवंडी।। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कई वर्ष पूर्व से मांगूर मछली के पालन व बिक्री पर रोक लगा दी है। वही पर ठाणे जिले के मत्स्य विभाग ने अंबाडी, वाडा सहित पडघा परिसरों में मांगूर मछली के तालाब को विनष्टीकरण करवा दिया है। किन्तु इसके बावजूद भिवंडी पालिका क्षेत्र अंर्तगत चार से पांच जगहों पर इस मछली का पालन कर होल सेल बिक्री की जा रही है। जिसकी जानकारी पालिका के मार्केट व स्वास्थ्य विभाग को होने के बावजूद प्रतिबंधित मछली की बिक्री पर रोक से वंचित रखा है। बतादें कि वैज्ञानिक तौर पर इस मांसाहारी मछली को खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा बना रहता है। वही पर पर्यावरण की दृष्टि से यह देश की प्राकृतिक मछलियों के वजूद के लिए खतरा है। पालिका के इस्लामपुरा,चौहान कालोनी, फातमा नगर, शांतिनगर आदि क्षेत्रों में छोटे छोटे टैंकों में मछली का पालन व बिक्री की जा रही है। इन टैंको में सड़ा- गला मांस गंदी चीजें मछलियों को खिलाई जाती है। जिसके कारण ऐसी मछलियाँ तीन से चार महीने में तीन किलों वजन तक हो जाती है। दूषित पानी के कारण जहां दूसरी मछलियाँ ऑक्सीजन के कमी के कारण मर जाती है वही पर ऐसी मछलियाँ इस गंदगी में भी जिंदा रहती है। जिसके कारण इसको पालने में बहुत ही कम खर्च होता है। ऐसी मछलियाँ कैंसर के साथ साथ अन्य घातक बीमारियों को जन्म देती है। शहर मजदूर बाहुल्य होने के कारण मांगूर मछली की खपत है। इस संबंध में पालिका के मार्केट विभाग प्रमुख गिरीष घोष्टेकर से संपर्क करने की कोशिश की गयी किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो सका।

रिपोर्टर

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