जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कानून लागू करना समय की जरूरत -डॉ मनोज मिश्र

जौनपुर ।। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग  में 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर  आयोजित एक संगोष्ठी में अपने हृदय के उद्गार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने  जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कानून  लागू करना समय की जरूरत बताया।विभागाध्यक्ष ने वर्तमान समय में जनसंख्या वृद्धि पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न समस्याओं से जल  तथा खाद्य सामग्री में आई भारी कमी पर चिंता व्यक्त की।उन्होंने  व्यापक स्तर पर पानी के दुरुपयोग  से बचने के लिए लोगों से अपील की। आज की नई पीढ़ी को बाजारवाद की मुहिम से ग्रस्त बताते हुए पानी की किल्लत की समस्या का प्रमुख कारण बताया। डॉ मिश्र ने सरकार द्वारा संचालित अमृत महोत्सव के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे जल के दुरुपयोग पर काफी हद तक नियंत्रण हुआ है। 

डॉ अवध बिहारी सिंह ने जैविक खेती से अनाज उत्पादन में हुए असंतुलन का जिक्र करते हुए, इसको जनसंख्या का दुष्परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि आज पौष्टिक भोजन और जरूरी चीजें मुहैया कराना बहुत बड़ी चुनौती का विषय बन गया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती तथा जलवायु परिवर्तन और प्रकृति पर निर्भरता से असंतुलन की समस्या पर प्रकाश डाला।अपने स्वार्थ की पूर्ति के बाद छुट्टा पशु,नीलगाय और कृषकों का शहर की तरफ पलायन को वर्तमान समय की बहुत बड़ी समस्या बताया।विभाग के मीडिया प्रभारी  डॉ सुनील कुमार ने कोविड-19 के समय में सरकार के द्वारा अंतिम अत्यंत गरीब और जरूरतमंद लोगों को राशन पहुंचाने के कार्य को सराहा।उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने करीब 80 करोड़ लोगों तक  राशन पहुंचाया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि की समस्या से निपटने के लिए नई तकनीकी का प्रयोग और लोगों को जागरूक करना होगा।

डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन  प्रकट करते हुए जैविक खेती को वैज्ञानिक रूप देने पर जोर दिया। देश में बढ़ती जनसंख्या को उन्होंने भविष्य के लिए देश के विकास के प्रति भयावह बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं में जागरूकता की भावना उत्पन्न करनी होगी तथा सकारात्मकता की भावना से युक्त होकर इसकी शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए।कार्यक्रम का संचालन दिग्विजय सिंह राठौर ने किया।मौके पर डॉ चंदन सिंह,डॉ अन्नू त्यागी,पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वितीय एवं तृतीय सेमेस्टर तथा मनोविज्ञान के छात्र- छात्राएं  उपस्थित रहे।

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