चंद्रयान-3 : कल होगी चन्द्रमा पर लैंडिंग, लाइव प्रसारण दिखाने के लिए स्कूलों को निर्देश जारी
- देवराज मिश्र, ब्यूरो चीफ अयोध्या
- Aug 22, 2023
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शाम 5 :15 से 6:15 तक खुलेंगे सभी शैक्षणिक संस्थान
अयोध्या ।। चन्द्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने को लेकर होने वाले सजीव प्रसारण के चलते बुधवार को सभी शैक्षिक संस्थानों को शाम को खोले जाने का आदेश जारी किया गया है।महानिदेशक स्कूली शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशालय के द्वारा यह आदेश 21 अगस्त को देर शाम जारी किया गया है।
अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी द्वारा जारी आदेश के तहत भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक उल्लेखनीय मील के पत्थर तक पहुँच गई है,जो चन्द्रमा पर उतरने के लिए तैयार है।यह भारतीय विज्ञान,इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।इसे लेकर अपर सचिव,स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग,शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 23 अगस्त को अपराह्न 05:27 बजे चंद्रयान-3 का चन्द्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण इसरो वेबसाइट,अधिकारिक यू ट्यूब और डीडी नेशनल पर किया जायेगा।आदेश में कहा गया है कि भारत के चंद्रयान-3 की उतरना एक यादगार अवसर है,जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ावा देगा बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगायेगा।
प्रधानमंत्री इन महत्वपूर्ण क्षणों के अवसर पर राष्ट्र को सम्बोधित भी करेंगे।इसे लेकर निर्देश दिए गए हैं कि सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ सायं 5:15 से 6:15 बजे विशेष सभा आयोजित करायें और चन्द्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने के सीधे प्रसारण में सम्मिलित हों।बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि आदेश के तहत सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
▪️स्कूलों में छात्रों को बुलावा भी बन गया है संकट ...
लाइव प्रसारण के आदेश को लेकर स्कूलों में ऊहापोह की स्थिति भी है।एक ओर जहां अधिकतर परिषदीय विद्यालयों में बिजली कनेक्शन नहीं है वहीं शाम को छोटे बच्चों को बुलाना भी शिक्षकों के लिए संकट है।इसे लेकर सोमवार रात से ही शिक्षकों में बेचैनी बढ़ी हुई है।लाइव प्रसारण के लिए संसाधनों को जुटाना भी टेढ़ी खीर है।इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित कालेजों में भी इसी तरह की दिक्कतें आ रहीं हैं। बच्चों को शाम को बुलाना और उन्हें सुरक्षित घर भेजना भी चुनौती से कम नहीं है।हालांकि बेसिक और माध्यमिक दोनों का दावा है कि आदेश का पालन करने का प्रयास किया जा रहा है।
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