संस्कार जीविका महिला संघ के द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को ले अपने संकुल कार्यालय पर किया गया प्रदर्शन

विभाग के स्थानीय पदाधिकारीयों द्वारा भी जीविका कैडरों का किया जा रहा शोषण, संकुल पर व्यवस्था के बावजूद बैठनें के लिए दरी भी नहीं हुआ नसीब

"आक्रोशित महिला कैडरों द्वारा विभाग से जारी आदेशों की प्रतियां जला विरोध दर्ज कराया गया"

कैमूर- जिला के कुदरा प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत घटांव गांव स्थित संस्कार जीविका महिला संघ के जीविका कैडरों द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को ले अपने संकुल कार्यालय पर किया गया प्रदर्शन, कैडरों ने कहा स्थानीय पदाधिकारीयों द्वारा भी किया जाता है शोषण, संकुल पर व्यवस्था रहने के बावजूद स्थानीय अधिकारियों द्वारा, बिछाने के लिए दरी लेने गए तो मना कर दिया गया। आपको बताते चलें कि बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के द्वारा मानदेय वृद्धि सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी व प्रदर्शन किया जा रहा है। जिस क्रम में कुदरा प्रखंड क्षेत्र के घटांव गांव स्थित संस्कार जीविका महिला संघ के द्वारा अपने संकुल कार्यालय पर मांगों को ले किया गया प्रदर्शन। महिला कैडरों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन का स्वरूप पहले भी अपनाया गया था और अपनाया भी जा रहा है, फिर भी संकुल सी सी मोहन चौधरी नोडल, एम बी के लेखपाल मीरा मौर्या, अध्यक्ष मनसा देवी, सचिव सुनीता देवी, कोषाध्यक्ष रीता देवी, सी एल एफ का सी एफ तारा देवी के द्वारा महिला कैडरों को बैठनें के लिए दरी देने से मना कर दिया गया,इन सभी के द्वारा कार्यालय कक्ष को अंदर से बन्द कर लिया गया, फिर भी कैडरों द्वारा शान्ति पूर्वक बैठकर प्रदर्शन जारी रखा गया। संकुल पर पहुंचे संवाददाता द्वारा अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए जब कार्यालय कक्ष को खुलवाने का कोशिश किया गया तो उपस्थित अधिकारियों द्वारा दरवाजा नहीं खोला गया,जब दूरभाष के माध्यम से संकुल के अध्यक्ष मनसा देवी से संपर्क किया गया, तो उनके द्वारा दो बार कॉल रिसीव किया गया पर विश्वास जनक जवाब ना देते हुए दरवाजा बंद ही रखा गया। जिससे क्षुब्ध हो आक्रोश में महिला कैडरों द्वारा विभाग द्वारा जारी आदेशों की प्रतियां जलाई गई। संकुल के महिला कैडरों के उपाध्यक्ष सरस्वती देवी, कैडर अंजू देवी, रेखा देवी सहित लगभग 200  की संख्या में उपस्थित कैडरों ने कहा कार्य हम लोगों से समय से अधिक लिया जाता है, पर मानदेय के नाम पर ना के बराबर मात्र 2000 रूपये दिया जाता है। प्रदर्शन में शामिल जीविका दीदीयों के द्वारा सरकार से, जीविका कैडरों को 20000 वेतन लागू करने, सुरक्षा के साथ-साथ 500000 रूपये की दुर्घटना बीमा, पोशाक के साथ-साथ पहचान पत्र, साप्ताहिक वह सरकार द्वारा जारी अन्य छुट्टी, समूह से मानदेय देना बंद कर कैडरो को 60 साल की उम्र में पदस्थापन, समूहों के अध्यक्ष सचिव एवं कोषाध्यक्षों को अतिरिक्त 5000 तक मानदेय, समूहों के महिलाओं को 2 वर्षों तक के ब्याज मुक्त ऋण, असहाय महिलाओं की लोन माफ, सभी गरीबों के बच्चों के लिए बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था, एवं प्रदेश में एक सामान्य शिक्षा लागू की मांग किया गया। उपस्थित कैडरों ने कहा मांग न मानने तक विरोध प्रदर्शन रहेगा जारी।

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