किसान के बेटे ने नीट की परीक्षा में मारी बाजी
- वेद प्रकाश शुक्ल, विशेष संवाददाता
- Sep 30, 2024
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बरसठी । किसानो की समस्या को सबसे बेहतर कौन समझ सकता है खुद किसान या किसानी से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा कोई व्यक्ति लेकिन जब किसी किसान का बेटा ही उनकी समस्या को देखकर अपने पढ़ाई के जीवन में मोटिवेशनल बना ले तो इसकी दूसरी मिसाल शायद ही कोई मिले कुछ ऐसा ही किया है उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बरसठी विकासखंड के असलेमपुर गांव के शाश्वत मौर्य दिहाड़ी खेती मजदूरी के रूप में काम करने वाले किसान के घर में जन्मे थे । जिनके पिता नीरज मौर्य उस तबके से थे जिनकी अपनी जमीन भी बहुत कम थी ऐसे में बचत की बात तो छोड़िए परिवार का पेट भी पालना मुश्किल होता था उस उम्र में जहां एक ओर बच्चे क्रिकेट खेला करते थे तो वही शाश्वत अपने घर के एक कमरे को अपना शिक्षा का मंदिर मानकर घर से ही नीट की परीक्षा की तैयारी कर महज 21 वर्ष की उम्र में परीक्षा को पास कर लिया पैसों की तंगी की वजह से शाश्वत के लिए प्रयागराज दिल्ली कोटा जैसे कोचिंग संस्थान एक सपना जैसा था, लेकिन जब मन में दृढ़ इच्छा हो तो असंभव कुछ नहीं होता यह शाश्वत ने घर से ही साबित कर दिया शाश्वत की माता रेनू मौर्या एक ग्रहणी है शाश्वत दो बहनों सौम्या एवं सुप्रिया में सबसे छोटा इकलौता भाई है उन्होंने अपने हाई स्कूल व इंटर की पढ़ाई गांव के ही बासुदेव इंटर कालेज से की शाश्वत ने 720 में 651 नंबर प्राप्त किया और भारत में 25530 रैंक थी जिससे उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज कानपुर देहात मिला ।
युवाओं को सीख :
अगर खुद पर विश्वास है तो आप हर चुनौतियों को पार कर सफल हो सकते हैं समय का सदुपयोग करना सही समय पर जिम्मेदारियां का एहसास होना आपको सफलता के दरवाजे तक ले जाता है जिनके स्वभाव में परिश्रम करना होता है उनसे बड़ा कोई साहसी नहीं होता
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