
जंगली जानवरों से पीड़ित किसानों ने प्रखंड मुख्यालय में तीन घंटों तक किया तालाबंदी
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Mar 12, 2025
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अनिश्चितकालीन ताला बंदी सहित डीएफओ कार्यालय भभुआं में तालाबंदी की चेतावनी के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी के आश्वासन पर खुला ताला
कैमूर--
जंगली जानवरों से पीड़ित किसानों ने प्रखंड मुख्यालय चांद में तालाबंद कर दिया। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन कैमूर के द्वारा जंगली जानवरों से फसल बचाने के अभियान को लेकर किसानों ने प्रखंड मुख्यालय में आयोजित धरना प्रदर्शन में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया। आयोजित धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता विमलेश पांडेय अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर एवं संचालन अर्जुन सिंह कुशवाहा समन्यवक भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने किया।
धरना में आए सैकड़ों किसानों को संबोधित करते हुए अभिमन्यु सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन ने कहा कैमूर जिले में किसानों की खड़ी फसल को जंगली जानवर घोडापरास आदि से बड़ी मात्रा में नुकसान किया जा रहा है। उन्होंने ने कहा जंगली जानवरों से फसल नुकसान होने से किसानों की कमर टुट गई है। नाराज़ किसानों ने दोपहर 1 बजे किसान मजदूर एकता जिंदाबाद जंगली जानवर भगाओ खेती फसल बचाओ की नारे लगाते हुए प्रखंड मुख्यालय में तालाबंदी कर दिया। किसानों ने प्रखंड मुख्यालय में तालाबंदी करने के बाद धरना दिया।
किसानों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ने कहा चांद प्रखंड के अलावा जंगली जानवरों का आतंक पुरे जिला में है। उन्होंने ने कहा कैमूर प्रशासन एवं पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा जानबूझकर किसानों के फसल नुकसान होने दिया जा रहा है। अभिमन्यु सिंह ने कहा किसानों को फसलों की नुकसान कर रहे जंगली जानवरों से बचाया जाए या किसानों को नुकसान फसल की मुआवजा दिया जाए। उन्होंने ने कहा जंगली जानवरों से फसल नुकसान को देखते हुए भी अधिकारियों की चुप्पी हैरान करने वाली है। किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए, अन्यथा होली की त्योहार के बाद डीएफओ कार्यालय भभुआं में तालाबंदी की घोषणा की। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा ने कहा किसान आंदोलन कर किसानों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए परिणाम तक लड़ते रहेगा। उन्होंने ने कहा इस सरकार में किसानों को हर तरह प्रताड़ित किया जा रहा है। पशुपति नाथ सिंह ने कहा किसान भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि में उचित मुआवजा की मांग को लेकर पिछले 1 वर्ष 70 दिन से धरना दे रहे हैं, किसानों को जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए हर संभव लंबी लडाई लड़नें के लिए तैयार है। अनिल सिंह सचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर ने कहा किसानों को लड़ाई लड़ने के लिए आगे आना होगा, बिहार सरकार के अधिकारी मनमाने एवं तानाशाहों की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने किसानों को मन से लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। संतोष सिंह अखलासपुर ने किसानों को अपनी मांगों के लिए लड़ने के लिए आह्वान किया।
विकी सिंह, अरविंद सिंह, अभय कुमार पाण्डेय, सुनील कुमार सिंह, बसंत गोंड, सुनील कुमार पाण्डेय, राम इकबाल बिंद, भुपेंद्र सिंह, अवधेश सिंह, मुन्नु सिंह, विरजु प्रसाद, प्रदीप पांडेय, अमित रंजन सिंह, चंद्रजीत यादव आदि ने किसानों को संबोधित किया। किसानों ने प्रखंड मुख्यालय को तीन घंटे तक बंद रखा बीडीओ मो हदीद ख़ान ने आकर किसानों को आश्वासन दिया जंगली जानवरों को बचाने के लिए गंभीर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ने कहा जंगली जानवरों की आखेट करने के लिए डीएफओ से शुटर की मांग की गई है। बीडीओ ने कहा जंगली जानवरों घोडपरास आदि से किसानों की फसल बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बीडीओ की आश्वासन के बाद किसानों ने प्रखंड मुख्यालय में बंद ताला खोला। किसानों ने बीडीओ को एक सप्ताह का समय दिया जंगली जानवरों की आखेट करने की कारवाई शुरू नहीं होगी तो प्रखंड मुख्यालय में अनिश्चितकालीन तालाबंदी किया जाएगा। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने बीडीओ को ज्ञापन सौंपा। किसानों के धरना में मुखिया प्रतिनिधि बबलू सिंह ने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने ने कहा बिहार सरकार हमें लिखित स्पष्ट आदेश दे सभी मुखिया किसानों की फसल बचाने के लिए जंगली जानवरों घोडपरास का आखेट करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। धरना में गोंई, सहबाजपुर, जिगिना, सिहोरिया, खैंटी, चांद, झझनी, बेतरी, जगरिया, भभुआं, सिरहिरा, केकड़ा, किलनी, पिपरिया, कुढ़नु, रामपुर इत्यादि प्रखंड से सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।
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