
शेरशाह सूरी का जन्म दिवस मनाया गया
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- May 22, 2025
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रोहतास। जिला मुख्यालय सासाराम में दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत शेरशाह सूरी का जन्मोत्सव फजल गंज स्टेडियम में मनाया गया।शेरशाह सूरी (1486 - 22 मई 1545) ( जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे जिन्होंने हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था। शेरशाह सूरी ने पहले बाबर के लिये एक सैनिक के रूप में काम किया था जिन्होंने उन्हें पदोन्नत कर सेनापति बनाया और फिर बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया। 1537 में, जब हुमायूँ कहीं सुदूर अभियान पर थे तब शेरशाह ने बंगाल पर कब्ज़ा कर सूरी वंश स्थापित किया था। सन् 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया। 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया। शेरशाह 1545 ई में कालिंजर के घेराबंदी के दौरान बारूद मे आग लगने से मारा गया था।शेरशाह भारत के एक बड़े हिस्से को अपने नियंत्रण में लाने में सफल रहे। उसके साम्राज्य की सीमाएँ एक तरफ पंजाब से मालवा तक और दूसरी तरफ बंगाल से सिंध तक फैली हुई थीं। उसने मुगल बादशाह हुमायूँ को हटाकर सूर वंश की स्थापना की। अपने नियंत्रण में बड़े क्षेत्रों के साथ, वह भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को एक प्रकार की एकरूपता प्रदान करने में सक्षम थे।शेरशाह सूरी महोत्सव हमें प्रेरणा देता है कि सासाराम का जो पुराना गौरवशाली इतिहास है उसे वापस लाना है पहले सासाराम मुगलों को धूल चाटने वाले शहर एवं यहां के शासक को शेरशाह सूरी को याद करके फक्र किया जाता है लेकिन वर्तमान समय में शेरशाह का मकबरा ही अंधेरा में डूबा हुआ है पहले हम समृद्ध थे चर्चा इस बात पर होनी चाहिए कि वर्तमान समय में हम अपने पुराने गौरवशाली इतिहास को फिर कैसे पुनर्जीवित कर सकते हैं और वह कानून व्यवस्था जो शेरशाह सूरी की सोच थी पूरे शहर पूरे जिले में लागू किया जा सकता है।
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