
बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर शंकराचार्य लड़ाएंगे निर्दलीय गौ भक्त प्रत्याशी
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Sep 27, 2025
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सनातनी हिन्दुओं से किये गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए गौ भक्तो के लिए मतदान की अपील
जातिगत आरक्षण के बिषय पर उन्होंने कहा राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार
कैमूर-- जिला मुख्यालय भभुआं स्थित लिच्छवी भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने बिहार में सनातनी राजनीति का किया शंखनाद, गौ मतदाता संकल्प यात्रा,बिहार में सभी विधानसभा क्षेत्रों से लड़ाएंगे प्रत्याशी, गौ भक्त लड़ेंगे विधानसभा चुनाव। उन्होंने कहा गौ भक्तो का करेंगे चुनाव प्रचार,सनातनी हिन्दुओं से करेंगे गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए गौ भक्तो के लिए मतदान की अपील। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी ने कहा, कि सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब हम गौ माता का संरक्षण करेंगे। गौ रक्षा हमारी आस्था का विषय ही नहीं, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति की भी आधारशिला है। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में केवल उन्हीं प्रत्याशियों को वोट दें, जो गौ रक्षा को लेकर स्पष्ट और दृढ़ संकल्पित हों। शंकराचार्य जी ने बताया कि हम सभी राष्ट्रीय पार्टी के दिल्ली कार्यालय पर गये और पूछा कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना पक्ष लोक सभा सदन में रखिए और अपने पक्ष को हमें बताइए लेकिन अभी किसी भी राजनीतिक दल ने अपना पक्ष गौ माता के विषय में नहीं बताया। इसलिए अब मजबूरी में हमें बिहार विधानसभा चुनाव में गौ भक्त प्रत्याशी उतारना पड रहा है। शंकराचार्य जी ने यह भी घोषणा की, कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में सभी विधानसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। उन्होंने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद औपचारिक रूप से यह बताया जाएगा कि कौन-कौन उम्मीदवार उनके तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल से परिपूर्ण रहा। भक्तों ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी के संदेश को श्रद्धा और उत्साह के साथ आत्मसात किया।उक्त अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहें।
आरक्षण हो पर समय सीमा तय हो अभी तक जारी रहना राजनीतिक पार्टियां जिम्मेवार
जब वही प्रेस प्रेस वार्ता के दौरान संवाददाता द्वारा सवाल किया गया कि जातिगत आरक्षण एवं जातिगत कानून को रहते हिंदुओं में एकता संभव है, तो उनके द्वारा कहा गया कि आरक्षित वर्ग भी हमारे भाई हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या गरीबी जाति देखकर आती है, तो इस विषय पर उनके द्वारा कुछ समय संकोच के बाद कहा गया कि यह आरक्षण मात्र 10 वर्षों के लिए दिया गया था पर 80 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक यदि कोई सामान्य नहीं हो पाया तो इसमें राजनीतिक पार्टियां सामान्य रूप से जिम्मेवार है। जितना दिया जा रहा है उसके दोगुना दिया जाए 4 गुना दिया जाए पर एक समय निर्धारित होना चाहिए। पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा आरक्षण के नाम पर भी एक वर्ग विशेष को गुलाम बनाने की कोशिश किया जा रहा है।
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