कब्रिस्तान की सरकारी जमीन बिक्री करने के साजिश का खुलासा 12 पर धोखाधड़ी का केस

भिवंडी। शहर के गौरीपाडा कब्रिस्तान की सरकारी जमीन को अवैध रूप से बेचने की कोशिश का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद भिवंडी में हड़कंप मच गया है। शांतिनगर पुलिस ने इस प्रकरण में 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी जमीन के अनधिकृत हस्तांतरण का मामला दर्ज किया है। कासार अली निवासी योगेश लिला विठ्ठल भोजने द्वारा दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौरीपाडा गांव के सर्वे नंबर 70 की जमीन, जो सरकारी रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है, को कुछ लोगों ने निजी संपत्ति बताकर बेचने की कोशिश की। शिकायत के अनुसार भोईवाडा निवासी केशव तुकाराम टावरे, मोतीराम तुकाराम टावरे, गणपत तुकाराम टावरे, बलीराम तुकाराम टावरे, बबई धर्माजी पाटिल, बारकूबाई महादेव केणे और चांगुणाबाई तुकाराम टावरे ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और कब्रिस्तान की जमीन को बेच दिया। पुलिस रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि मोहम्मद कासीम समरू, फैय्याज अहमद ताहिर, अब्दुल गनी मोहम्मद सरदार, मोहम्मद हनीफ ताहिर और मौलाना मोहम्मद हुसैन असलमी ने जमीन खरीदने की सहमति जताई और दस्तावेजी प्रक्रिया आगे बढ़ाई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सरकारी रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज जमीन का किसी भी रूप में क्रय-विक्रय पूरी तरह अवैध है। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की पुष्टि होने के बाद शांतिनगर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 34 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामला अत्यंत गंभीर है और इसकी विस्तृत जांच जारी है। सरकारी भूमि की अवैध बिक्री का यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि क्षेत्र में सरकारी संपत्तियों से जुड़े अन्य विवादित सौदों की भी जांच की जा सकती है। इस घटना ने स्थानीय नागरिकों में भी चिंता बढ़ा दी है और लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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