
खनन माफिया कर रहे है बालू का अबैध खनन,परमिट कहीं का और खनन कहीं और प्रशासन की दिख रही मिली भगत।
- Hindi Samaachar
- Feb 12, 2019
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सोनभद्र। जुगैल थाना क्षेत्र के खेंवधा बालू साइड पर अवैध खनन का खेल धड़ल्ले से लगातार जारी है पट्टा धारक कम से कम समय में अधिक से अधिक धन कमाने के चक्कर में खनन नीतियों का खुला मखौल उड़ा रहे हैं, और प्रशासन प्रतिबंधित मशीनों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है स्थिति यह है कि रेणुका नदी के बीच धारा में पोकलेन उतार कर ट्रकों पर बालू लोड की जा रही है यही नहीं बालू निकालने के लिए नाव का भी उपयोग किया जा रहा है बता दें कि नदी से बालू खीचने वाली इस नांव में हाई पावर का इंजन लगा होता है और लगभग 6 से 7 इंच मोटी कि पाइप लगी होती है जो नदी की तलहटी में जाकर बालू नदी के गर्भ से बालू खींचती है इसी क्रम में बालू के साथ ही कछुए और मगरमच्छ सहित अन्य जलचरों के अंडो तथा बच्चों के लिए भी भी मौत का उपकरण साबित हो रही है आश्चर्यजनक तथ्य यह है इस विषय पर तमाम पर पर्यावरण विभाग के साथ ही वन विभाग के आला अधिकारी और कर्मचारी रहस्यमई चुप्पी साधे हुए है जबकि वन विभाग के अधिकारियों के पैनी निगाह के बारे में यह बात इलाके में मशहूर है कि उनके तेज निगाहों से ट्रैक्टर टीपर तो दूर की बात है बोरी में बालू भरकर साइकिल से ले जा रहे मजदूर भी उनके कानूनी डंडे का शिकार होने से नहीं बच पाते तमाम गरीब मजदूरों की वन विभाग के द्वारा जप्त की गई साइकिले वन विभाग के कार्यालय की आये दिन शोभा बढ़ाती रहती हैं सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि खेंवधा में पट्टा स्वकृत किया गया है लेकिन खनन सिंदुरिया घाट की तरफ तक बदस्तूर जारी है और सबसे प्रमुख बात यह है कि विगत कुछ दिनों पूर्व उक्त साइट की परमिट भी समाप्त हो गई थी लेकिन पट्टेधारक द्वारा खनन विभाग के अधिकारियों की कृपा प्राप्त कर बरहमोरी दुद्धि साइट की परमिट ले आकर खेंवधा से काटी जा रही है ऐसा किन परिस्थितियों में किया जा रहा है किन-किन अधिकारियों का पट्टेधारक को वरदहस्त प्राप्त है जिनकी कृपा के बदौलत 50 किलोमीटर दूर दुद्धी से बालू की परमिट लाकर खेंवधा खदान से बिना किसी प्रशासनिक रोक के धड़ल्ले से बालू लदे ट्रकों को दिया जा रहा है यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा हालांकि योगी सरकार अवैध खनन के मामले में शख्ती अवश्य बरत रही है किंतु सोनभद्र के इस बालू की खदान पर मानकों का नजरअंदाज किया जाना कई लोगों को गले से नहीं उतर रहा है ।
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