शराब पीने के बाद तत्काल बिगड़ी स्वास्थ्य, अस्पताल पहुंचते पहुंचते व्यक्ति की हुई मौत

सूत्रों की माने तो अधिकारियों की लापरवाही से बिहार सरकार द्वारा जारी मद्य निषेध कानून धरातल पर नगण्य है 

कैमूर-- जिला के कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पचपोखरी ग्रामवासी 58 वर्षीय व्यक्ति की शराब पीने के बाद तत्काल बिगड़ी स्वास्थ्य, कुदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचते पहुंचते व्यक्ति की हुई मौत। मृतक के छोटे भाइयों भरत राम व शंभु राम


से मिली जानकारी के अनुसार, 58 वर्षीय मृतक रामजी राम पिता स्वर्गीय रामबचन राम गांव के ही मुन्ना कुशवाहा के मुर्गी फार्म पर लगभग 14 वर्षों से कामगार के रुप में कार्यरत थे।जो 14 अगस्त दिन गुरुवार की देर शाम मुर्गी फार्म पर ही शराब का सेवन किये जिसके बाद स्वास्थ्य बिगड़ने लगी, स्वास्थ्य बिगड़ने की सूचना पा परिजनों द्वारा समय लगभग 08:00 बजे घर लाया गया। मुन्ना कुशवाहा समेत परिजनों द्वारा घरेलू उपचार भी किया गया, स्थिति में सुधार होते ना देख परिजनों द्वारा बेहतर इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुदरा पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा जांच के क्रम में व्यक्ति को मृत पाया गया। जिसकी सूचना परिजनों द्वारा थाना प्रशासन को दिया गया मौके पर पहुंच थाना प्रशासन द्वारा शव का पंचनामा कर अंत्य परीक्षण हेतु सदर अस्पताल भभुआंं भेजा गया, जहां से अंत्य परीक्षण के उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस घटना से परिजनों सहित गांव शोकाकुल है। संदर्भ में जानकारी लेने हेतु दूरभाष के माध्यम से थाना अध्यक्ष कुदरा, पुलिस निरीक्षक अंचल मोहनियां सहित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मोहनियां से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा कॉल का कोई भी जवाब नहीं दिया गया।

        बिहार सरकार द्वारा जारी मद्य निषेध कानून धरातल पर नगण्य है 

वही सूत्रों की माने तो बिहार सरकार शराबबंदी कानूनों को लागू करने से अभी तक शराबबंदी कानूनों को पूर्ण रूप से पालन करने व कराने की चाहें जितनी भी दंभ भर रही हो पर धरातल पर नगण्य है। आयें दिन कुछ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शराब तस्करों व शराबियों को पकड़ने का कार्य भी किया जा रहा है, पर कई ऐसे मामले भी देखनो को मिला, की प्रशासनिक अधिकारी व कर्मी भी शराब के कारोबार में या शराब सेवन करने में लिप्त पाए गए, इतना ही नहीं अधिकारियों प्रेस व पुलिस का बोर्ड लगाकर भी शराब तस्करी के कई मामलों का उद्भेदन भी हो चुका है।

क्या जिस गांव, शहर, मुहल्ले में ऐसे अवैध कारोबार फल फूल रहा है वहां के चौकीदारों व अधिकारियों को पता नहीं है?

इसका जवाब यही होगा कि पता होता है, पर कोई अवैध कारोबारियों से भयभीत हैं,या खुद ही संलिप्त हैं। यदि सरकारी आंकड़ों की माना जाए तो बिहार में साल 2016 में 5 अप्रैल से शराबबंदी लागू हुआ था, 9 वर्ष यानी अप्रैल 2025 तक बिहार में जहरीली शराब से कुल 190 लोगों की मौत हो चुका है, जबकि कई ऐसे मामले भी देखने को मिला कि जहरीली शराब से मौत के बावजूद भी लोगों के द्वारा छुपाया गया आंकड़े सामने नहीं आ पाया। 

फिलहाल इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कुछ कहा जा सकता है, की व्यक्ति की मौत शराब पीने से हुआ या किसी अन्य कारण से।

रिपोर्टर

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