वाराणसी डीरेका को निगम बनाने के प्रस्ताव के विरोध में राष्ट्रीय प्रमुख सचिव ने बयान जाड़ी कर कड़ी निंदा की

बिहार ।। भारतीय बेरोजगार पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख सचिव रमेश कुमार ने जाड़ी अपने बयान में कहा कि अब तक सरकारी इकाइयों की निगमीकरण के बाद क्या स्थिति है, यह किसी से छिपा नहीं है। अगर डीरेका का भी निगमीकरण किया जाता है तो इन इकाइयों की तरह ही हालत होगी। यहां के कर्मचारियों का भविष्य अंधेरे में है।निजीकरण होने से सबसे व्यापक दुष्प्रभाव बेरोजगारों पर पड़ेगा, नौकरियों के सृजन में बाधाएं आएगी।-ग्रुप सी और डी के कर्मचारियो को नौकरी संकट में चली जाएगी, उन्होंने कहा कि भारत के धरोहर सरकारी संरक्षण में ही रहे तो उचित होगा।रमेश कुमार ने कहा कि ये मोदी सरकार अपने खुद के वायदे पर कभी क़ायम नहीं रहते हैं,इससे पहले 28 दिसंबर, 2014 को वाराणसी के डीज़ल लोको वक्र्स के मज़दूरों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे रेलवे मज़दूरों व देश की जनता को आश्वासन देना चाहते हैं कि भारतीय रेल का निजीकरण कभी नहीं होगा और उन्हें अफ़वाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। मगर दो-मुंही बात करने वाले ये राजनीतिज्ञ यह असलियत छुपा रहे हैं कि भारतीय रेल को टुकड़ों-टुकड़ों में निजी पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है।प्रमुख सचिव ने कहा कि यदि समय रहते देश के युवा नहीं जागरूक हुए तो वो दिन दूर नहीं जब हम सबों को फ़िर से गुलामी करनी पड़ेगी।उन्होंने अपने सम्बोधन के माध्यम से तमाम वर्करों एवँम जनता जनार्धन से समर्थन की अपील की है कहा कि यदि सरकार अपना फैसला नहीं बदलती है,तो  निजीकरण के विरुद्ध भारतीय बेरोजगार पार्टी के बैनर तले तीक्ष्ण आंदोलन करेंगे।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट