वृक्षो की कटाई से बिगड़ रहा पर्यावरण का संतुलन

जौनपुर (अर्जुन शर्मा) । कुएं, तालाब का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। इनके स्थान पर मकान, दुकान आदि का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है। जलदोहन, बढ़ती जनसंख्या और औद्योगीकरण के कारण वृक्षों की अंधाधुंध कटान की जा रही है। इससे भूमि की नमी लगातार कम होती जा रही है। पेड़-पौधों की कटान से वाष्पीकरण ठीक से नहीं हो पा रहा है, जिससे वर्षा अच्छी नहीं हो पा रही है। इसके चलते भूमिगत जल सूखता ही जा रहा है। इतना ही नहीं लोग शुद्ध पानी के लिए आवश्यकता से पांच से छह गुना पानी बर्बाद कर दे रहे हैं। अब तक उत्पन्न पेयजल संकट के लिए जिम्मेदार इंसान हैं, जो विकास के पीछे भाग रहा है और जल का दोहन करने से नहीं हिचक रहा है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि नियम विरुद्ध तरीके से प्राय: 45 लाख आबादी वाले इस जनपद में कहीं न कहीं आरओ प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इसकी जानकारी भी जिम्मेदारों को नहीं हो पा रही है।

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