सीजेएम ने पुलिस अधीक्षक से किया जवाब तलब

जौनपुर ।। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र में स्थित पेट्रोल पंप पर खड़े वादी जमीरुद्दीन के दो ट्रकों को पुलिस द्वारा ले जाने और दूसरे स्थान पर गोवध में चालान कर रुपए की मांग करने के मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को 3 माह के भीतर सीबीसीआईडी से जांच कराकर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का आदेश मई 2018 में दिया था लेकिन 1 वर्ष बीतने के बावजूद विवेचना पूरी न होने पर वादी ने कोर्ट में दरखास्त दिया जिस पर कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ।

वादी ने 156(3) की दरखास्त देकर तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ  दरखास्त दिया था कि उसके खड़े ट्रकों को पेट्रोल पंप से पुलिस वाले ले गए और छोड़ने के लिए रुपए की मांग किए।रुपए न देने पर गोवध में चालान कर दिए।पुलिस की सारी कारस्तानी पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुई।कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्सटॉर्शन व अन्य संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई।विवेचना शहर कोतवाल को मिली।विवेचना में लीपापोती की आशंका पर वादी हाई कोर्ट गया।हाईकोर्ट ने 29 मई 2018 को मामले की विवेचना सीबीसीआईडी से कराने का एसपी को आदेश दिया था। लेकिन 3 जून 2018 को ही पुलिस ने अपने विभाग से जुड़े आरोपितों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी। वादी ने प्रोटेस्ट दाखिल किया।सीजेएम ने आदेश दिया कि एसपी ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीसीआईडी से विवेचना नहीं कराया। सीबीसीआईडी से अग्रिम विवेचना कराने का कोर्ट ने एसपी आदेश दिया। एक वर्ष बाद भी आदेश का अनुपालन न होने पर वादी की दरखास्त पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट