मतदाताओं का वोट कांग्रेस के साथ नहीं ? खस्ताहाल शहर के कारण कांग्रेस पार्टी हारी

भिवंडी ।। भिवंडी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही ९० सीटों वाली भिवंडी शहर महानगर पालिका में कांग्रेस पार्टी के ४७ नगरसेवक होने के बाद भी भिवंडी पूर्व तथा पश्चिम विधानसभा सीटें कांग्रेस पार्टी के हाथो से खिसक गयी. जिसका मुख्य कारण शहर की खस्ताहाल हालात हैं, सड़कों पर कीचड़ , गंदगी , पानी की समस्या तथा आरोग्य जैसे मूलभूत सुविधाऔ से नागरिक वंचित हैं. यहाँ के रोड़ की दयनीय हालात दूसरे शहर के सोशल मीडिया गुपों में खुब चर्चा का विषय बनता हैं !
   
भिवंडी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के २४ नगरसेवक भिवंडी मनपा चुनाव में जीतकर  मनपा प्रशासन मे विभिन्न पदों पर आसीन हैं. भिवंडी मनपा महापौर जावेद दलवी खुद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से आते हैं.वही पर भिवंडी कांग्रेस पार्टी में दो पूर्व विधायक मोहम्मद अली खान व रसीद ताहिर मोमिन तथा एक मंत्री वकार मोमिन व पूर्व सांसद सुरेश टावरे का निवास स्थान होने के कारण शहर में इन सभी का वर्चस्व हैं.जिसके कारण वर्ष २०१४ के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेश चौगुले ४२,४८३, कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार शोहेब खान ३९,१५७ मत प्राप्त हुआ था. किन्तु कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार शोहेब खान गुडडू ३,३२६ मत से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष २०१४ में पार्टियों में गठबंधन नहीं होने के सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार कर चुनाव लड़ा था, इसी वर्ष विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेश चौगुले ४२,४८३ , कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार शोहेब खान गुडडू ३९,१५७, शिवसेना उम्मीदवार मनोज काटेकर २०,१०६, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार रशीद ताहिर मोमिन १६,१३१, एम आई एम उम्मीदवार जकी अब्दुल रशीद शेख ४६८६ मत प्राप्त हुए थे. वर्ष २०१९ विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेश चौगुले ५८,८५७, एम आई एम उम्मीदवार खालिद गुडडू शेख ४३,९४५ तथा कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार शोहेब खान गुडडू को २८,३५९ मत प्राप्त हुआ.
         
भिवंडी मनपा प्रशासन में कांग्रेस पार्टी की सत्ता हैं वही पर कांग्रेस पार्टी भिवंडी मनपा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत क पार्टी के नगरसेवक जावेद दलवी को महापौर बनाया हैं इसके साथ ही शिवसेना पार्टी को तोहफे के रूप में उप महापौर का पद देकर रखा हुआ हैं. किन्तु शहर के हालात खस्ताहाल होने के कारण नागरिकों में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हैं.
भिवंडी शहर के रोड़ रास्ते, पानी की समस्या , आरोग्य जैसे मूलभूत सुविधाऔ से शहर के नागरिक वंचित हैं. वही पर मनपा प्रशासन में फैला भष्ट्राचार के कारण विकास कार्य पुर्ण रूप से ठप्प पड़ा हुआ हैं. गंदगी के कारण लोग डेंगू , स्वाइन फ्लू जैसे बीमारियों से बिना कारण मौतें हो रही हैं जिसके कारण सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नागरिकों में आक्रोश व्याप्त हैं. जिसका नतीजा कांग्रेस पार्टी वर्ष २०१४ विधानसभा चुनाव के अपेक्षा वर्ष २०१९ में हुए विधानसभा चुनाव में अपना वोट प्रतिशत भी गंवाना पड़ा. वर्ष २०१४ में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार शोहेब खान गुडडू को ३९,१५७ मत व २०१९ के विधानसभा चुनाव में २८,३५९ ही मत प्राप्त हुआ. वही पर वर्ष २०१४ में विजय के कगार पर पहुंचाने वाली पार्टी इस चुनाव में खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गयी हैं ।

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