देश के महान गणितज्ञ के निधन पर शोक जताया... जाप (लो. )...(पीरो )


               जन अधिकार पार्टी प्रदेश सचिव संजय यादव ने गहरा शोक व्यक्त किये... और बोले की  देश के महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन पूरे भारत वर्ष के लिए बहुत बड़ी क्षति है डॉ सिंह मानसिक रोग से ग्रसित थे इनको भारत सरकार ने इलाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. आज इन्होंने जैसे ही पटना पीएमसीएच मे अंतिम सांस ली केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने दिखावे के लिए शोक मे डूब गए.. डॉ सिंह जी के  अंतिम सांस लेने पर उन्हें अम्वुलेन्स भी मुहैया नहीं कराया जाना राज्य सरकार के लिए बहुतबड़ी  शर्मनाक की  बात है प्रदेश सचिव संजय यादव ने  द्वारा डॉ सिंह के जीवनी पर प्रकाश डाले.. डॉ 

वशिष्ठ नारायण सिंह जी का जन्म  २ अप्रैल १९४२ को बिहार के  भोजपुर जिला के  बसंतपुर नाम के गाँव में हुआ।वे मानसिक बिमारी से पीडित थे और बसंतपुर में ही रहते थे.  उन्होंने बर्कली के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से १९६९ में गणित में पी.एच.डी की डिग्री प्राप्त की थी. 

डाक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह ने सन् 1962 बिहार में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। पटना विज्ञान महाविद्यालय (सायंस कॉलेज) में पढते हुए उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आए प्रोफेसर कैली से हुई। उनकी प्रतिभा से प्रभावित हो कर प्रोफेसर कैली ने उन्हे बरकली आ कर शोध करने का निमंत्रण दिया। 1963 में वे कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए। 1969 में उन्होने कैलीफोर्निया विश्वविघालय में पी.एच.डी. प्राप्त की। चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर किये गए उनके शोध कार्य ने उन्हे भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया।

अपनी पढाई खत्म करने के बाद कुछ समय के लिए वे कुछ समय के लिए भारत आए, मगर जल्द ही वे अमेरिका वापस चले गए।  उन्होंने वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर के पद पर काम किया। १९७१ में सिंह भारत वापस लौट गए। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में काम किया।

1973 में उनका विवाह वन्दना रानी के साथ हुआ। 1974 में उन्हे मानसिक दौरे आने लगे। उनका राँची में इलाज हुआ। लम्बे समय तक वे गायब रहे फिर एकाएक वे मिल गये। उन्हें बिहार सरकार ने ईलाज के लिएं वेंगलुरू भेजा था। लेकिन बाद में ईलाज का खर्चा देना सरकार ने बंद कर दिया। एक बार फिर से बिहार सरकार ने विश्वविख्यात गणितज्ञ के इलाज के लिए पहल की है। विधान परिषद की आश्वासन समिति ने 12 फ़रवरी 2009 को पटना में हुई अपनी बैठक में डॉ॰ सिंह को इलाज के लिए दिल्ली भेजने का निर्णय लिया। समिति के फैसले के आलोक में भोजपुर जिला प्रशासन ने उन्हें रविवार दिनांक 12 अप्रैल 09 को दिल्ली भेजा.उनके साथ दो डॉक्टर भी भेजे गये हैं। दिल्ली के मेंटल अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों की परामर्श पर उन्हें आगे के खर्च का बंदोबस्त किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में परामर्श के बाद यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें विदेश भी ले जाया जा सकता है। अभी वे अपने गाँव बसंतपुर में उपेक्षित जीवन व्यतीत कर रहे थे। पिछले दिनों आरा में उनकी आंखों में मोतियाबिन्द का सफल ऑपरेशन हुआ था। कई संस्थाओं ने डॉ वशिष्ठ को गोद लेने की पेशकश की है। लेकिन उनकी माता को ये मंजूर नहीं है।  वशिष्ठ नाराय़ण सिंह अपने परिजनों के संग पटना के कुल्हरिया कंपलेक्स में रहते थे। बताया जा रहा है कि आज उनकी तबियत खराब होने लगी, जिसके बाद तत्काल परिजन पीएमसीएच लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें 14 नवंबर को मिर्त घोषित कर दिया।मिर्त्यु के खबर सुनकर  पूर्व सांसद व जाप संरक्षक पप्पु यादव पहुँचकर उन्हें श्रधांजलि अर्पित किये.. और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी शोक व्यक्त किये... शोक सभा मे शामिल प्रदेश सचिव संजय यादव, प्रखंड अध्यक्ष श्रीभगवान सिंह, दीपक कुमार, सुरेन्द्र लहरबादी, मुक्तेश्वर चौधरी, बरुण, गुड़ु, संतोष, अनीश सहित ढेरों लोगों ने शोक व्यक्त किये..

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