वीरांगना दल की सखी सहेलियों को किया प्रशिक्षित

वाराणसी ।। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत किशोरी बालिकाओं के लिए चलायी जा रही योजना ‘स्कीम फार एडोलोसेंट गर्ल्स’ (एस0ए0जी0) के तहत वीरांगना दल की सखी एवं सहेली को सशक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा एवं एनीमिया के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके तहत ऐसी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा रही हैं या किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुकी हैं। इसी क्रम में सात से नौ जनवरी तक बाल विकास परियोजना काशी विद्यापीठ के अन्तर्गत 542 किशोरियों में 18 सखी एवं 36 सहेलियों के समूह को प्रशिक्षित किया गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान  स्वास्थ्य, शिक्षा और आईसीडीएस विभाग के वक्ताओें ने विषय वस्तु के आधार पर सभी को प्रशिक्षित किया। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ़्तेखार अहमद ने बताया कि बाल विकास परियोजना के अंतर्गत चल रही इस योजना () के तहत प्रत्येक विकासखंड में 11 से 14 साल की स्कूल न जाने वाली करीब 2700 किशोरियों के लगभग 90 वीरागंना दल गठित किये गये हैं। एक दल में 25 से 30 किशोरियों का समूह बनाया गया जिसमें एक सखी व दो सहेली का चयन किया गया है। जनपद के सभी विकासखंडों एवं नगर में सभी किशोरियों को पोषण, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं सामान्य स्वास्थ्य, हक एवं अधिकार, कानूनी प्रावधान, योग की  उपयोगिता, जीवन कौशल, किशोरी के लिए शिक्षा का महत्व, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच, शारीरिक व्यायाम, आयरन गोली का सेवन और उसकी उपयोगिता आदि पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह सखी सहेली प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने दल की अन्य किशोरियों को  जानकारी देंगी।

काशी विद्यापीठ की बाल विकास परियोजना अधिकारी स्वाति पाठक ने बताया कि केराकतपुर पंचायत भवन पर वीरांगना दल की 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली 08 सखी एवं 16 सहेलियों को सुपरवाईजर लालिमा पाण्डेय द्वारा तथा अवलेशपुर पंचायत भवन पर सुपरवाईजर रीता कुशवाहा ने 10 सखी एवं 20 सहेलियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान एएनएम द्वारा उनके वजन के साथ-साथ, हीमोग्लोबिन की जांच की गयी तथा उन्हें आयरन की गोली, सेनेटरी पैड तथा बीज एवं पौधे भी वितरित किए गये। 

*मुख्य उद्देश्य*- डीपीओ इफ़्तेखार अहमद ने बताया कि योजना के तहत स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को मुख्यधारा में लाकर वापस स्कूल लाये जाने का प्रयास किया जाएगा और शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा। इन्हें कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जाएगा ताकि किशोरियां शिक्षित और सशक्त बन सकें। किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पौष्टिक आहार, आयरन की गोलियां भी दी जा रही हैं।

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