
कोरोना की भयावह स्थिति के बीच की सच्चाई
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Apr 01, 2020
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पटना ।। तेजी से फैलती, लाइलाज बिमारी सरकार केवल सतर्क रहने और लॉक डाउन पालन को कड़ी मुस्तैदी से पालन कराने के लिए बड़े पैमाने पर कड़े नियम और आदेश जारी कर दिया पर सच्चाई से मुँह फेर लिया, चुकी जो फोर्स उतारी गई है या जो स्थानीय प्रशासन है, बेबजह भी लाठियां चमका रही है, अनावश्यक भीड़ और नियम भंग करने वाले के लिए तो बहुत जरूरी है पर कई जगहों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर लग रहा है कि कुछ जोर जबरदस्ती बेबजह की जा रही है, फल, शब्जी विक्रेता, दवा दुकानदार, ठेला चालक रिक्शा चालक की परेशानी को समझनी होगी, कुछ किसानों मजदूरों की ओर से बताया जा रहा है कि खेतों में फसलें कटाई पर है अगर निश्चित सीमा पर कटाई नहीं हुई तो फसलें खेत में ही बर्बाद हो जाएगी फिर खाद्यान्न शंकट एक नई और गम्भीर समस्या उतपन्न होगी जिसके कारण आदमी और जानबर भूखे मरने लगेगा, लेकिन शिकायत मिल रही है कि प्रशासन किसानों को मजदूरों को भी खेती कार्य करने से रोक रही है, अगर यह स्थिति और बरकरार रही तो एक नई गम्भीर समस्या उतपन्न होने की सम्भवना से इनकार नहीं किया जा सकता और देश में भूखा मरता इंसान एक नई क्रांति की ओर अग्रसर होगी जो कोरोना से ज्यादा खतरनाक साबित होगी, सरकार और शासन प्रशासन के अधिकारी कोरोना शंकट में सहयोग, सहायता के लिए नम्बर जारी तो कर दी, पहले से भी प्रशासन के अधिकारियों का नम्बर आमजनों के लिए जारी है पर बहुत दुःखद बात है कि कुछेक पदाधिकारी को छोड़कर फोन तक नहीं रिसीव करते, कल रात की घटना जो मेरे साथ कि है वह यह है कि----32कमेरे व्यक्ति जो गया जिला के हैं जिनकी सूची कई बार कई ग्रुप में डाला था, कई पदाधिकारियों को उनके निजी नम्बर पर भी भेजा था किसी ने कोई जबाब तक नहीं दिया, और हद हो गयी जब फोन लगाया तो फोन तक नहीं उठाई, गया जिला के32लोग गुजरात के वापी में कोरोना शंकट में फंसे हुए हैं, मीडिया के साथियों ने भी अपनी अपनी अखबारों में जगह नहीं दिया, माननीय डीजीपी महोदय बिहार को उनके नम्बर पर सूचना देने के लिए लगाया पर कोई उत्तर नहीं मिला, मेरे कुछ परिचित और संगठन के साथियों ने जो गुजरात के हैं उन्होंने सहयोग किया, ये मेरी सिर्फ बात नहीं है, लाखों लोगों की शिकायत है, भले वो लोग मौन हैं पर सच्चाई यही है कि कोरोना शंकट से निबटने की तैयारी देर से ली गयी निर्णय त्रुटिपूर्ण है और सरकार जबाबदेह है ।
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