कल्याण के पैनल क्रमांक 13 खड़ेगोलवली में शिवसेना की टिकट पर मंथन तेज

सांसद शिंदे की कही बात राजा का बेटा राजा नहीं बल्कि मेहनती और एकनिष्ठ कार्यकर्ता ही नेतृत्व का हकदार पर खरी उतरेगी शिवसेना

कल्याण : कल्याण के खड़ेगोलवली क्षेत्र में चुनावी तापमान धीरे-धीरे चढ़ने लगा है। वर्षों से हिंदी भाषी समाज की मजबूत उपस्थिति वाले इस इलाके में अब हर राजनीतिक दल की नज़र अपनों को आगे लाने पर टिकी है। पैनल क्रमांक 13 में भी सभी दल अपने “युवराज” की तलाश में जुट गए हैं, और इस होड़ ने क्षेत्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इसी क्रम में शिवसेना शिंदे गुट के उत्तर भारतीय विभाग के शहर प्रमुख सी.पी. मिश्रा ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी ओर, चर्चा है कि एक उद्योगपति भी इसी सीट से शिवसेना का टिकट पाने की दौड़ में हैं। इस कारण पार्टी कार्यकर्ताओं और समाज के बीच बहस का दौर शुरू हो गया है।

कल्याण डोम्बिवली में नगरसेवकी चुनाव को लेकर पैनल बनने के साथ ही राजनीति हलचल तेज हो चुकी है इच्छुक उम्मीदवार पार्टी टिकट के लिए रेस में उतर चुके हैं ऐसे में शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की कही एक बात को जनता द्वारा उठाया जा रहा है । जनता ने बताया कि डॉ. श्रीकांत शिंदे ने एक बार अपने संबोधन में कहा था कि राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, बल्कि मेहनती और एकनिष्ठ कार्यकर्ता ही नेतृत्व का हकदार होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना इस कथन को कितना सच साबित करती है क्या समर्पित हिंदी भाषी कार्यकर्ता को उसका हक मिलेगा, या फिर उसे केवल आश्वासन और प्रतीकात्मक सम्मान से ही संतुष्ट रहना पड़ेगा? स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जो व्यक्ति लंबे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहा, वही अब शिवसेना में टिकट पाने की कोशिश कर रहा है वह भी एक ऐसे समर्पित और ईमानदार शिवसेना कार्यकर्ता के विरुद्ध, जो 12 वर्षों से पार्टी के लिए निष्ठा से कार्य किया है। लोगों का सवाल है कि क्या पार्टी में साधारण कार्यकर्ता सिर्फ झंडा-बैनर उठाने तक ही सीमित रह जाएगा, या उसे भी चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा? समाज के लोगों का मानना है कि किसी बाहरी उद्योगपति को टिकट देने का प्रयास कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराने वाला कदम होगा। जब समाज को सहयोग या मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, तब ये उद्योगपति नेता कहीं नहीं दिखते, लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आता है, वे धनबल और प्रभाव के दम पर सक्रिय हो जाते हैं । जबकि एक किसान परिवार से निकले सी.पी. मिश्रा ने मेहनत, संघर्ष और समाजसेवा को जीवन का उद्देश्य बनाकर उन्होंने पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत की और समाज की आवाज़ को मंच दिया और आज वे शिवसेना के साथ ही सहयोग सामाजिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में एक सशक्त पहचान बना चुके हैं।

बताते चले कि मिश्रा ने सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की निधि से लोकग्राम में विद्यार्थियों के लिए वाचनालय और पुस्तकालय का निर्माण करवाया, वहीं चक्कीनाका क्षेत्र के व्यापारियों की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान करते हुए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया। मिश्रा महाराष्ट्र एनडीए सरकार की क्लस्टर योजना को झोपड़पट्टीवासियों के जीवन में परिवर्तन लाने वाली योजना बताते हैं। उनका मानना है कि इस योजना से खड़ेगोलवली और आसपास के क्षेत्रों का चेहरा बदलेगा। उन्होंने क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बड़ा नाला का मुद्दा भी उठाया है, जिसकी दीवार टूट चुकी है और बरसात के दिनों में पानी घरों में घुस जाता है। इस संबंध में उन्होंने महानगरपालिका और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अवगत कराया है। मिश्रा का कहना है कि खड़ेगोलवली, कैलाशनगर, नेहरूनगर, एशले और चिंचपाड़ा जैसे इलाकों में पानी, सड़क, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या अब भी गंभीर है। यदि पार्टी उन्हें अवसर देती है, तो वे समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे। खैर खड़ेगोलवली के मतदाता अब बारीकी से देख रहे हैं कि आने वाले चुनाव में पार्टी योग्यता को प्राथमिकता देगी या धनबल को समाज की निगाहें अब इस निर्णय पर टिकी हैं।

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