कोविड १९ के कारण टूटी पौराणिक रामनवमी मेले की परम्परा

पावन सलिला सरयू के घाटों पर भी पसरा सन्नाटा ...

अयोध्या, उत्तर प्रदेश ।। अवधपुरी में हजारों वर्षों से चली आ रही रामनवमी मेले की परम्परा आज टूट गई । यह मेला अयोध्या का सबसे महत्वपूर्ण मेला माना जाता है ।

रामनवमी पर भगवान श्रीराम का प्राकट्य हुआ था और प्रत्येक वर्ष आज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु व भक्त रामलला के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचते थे लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के भय के कारण इस मेले को स्थगित ही नहीं किया बल्कि अयोध्या में होने वाले विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगा दी गयी है । जिसको देखते हुए अयोध्या की सुरक्षा को सख्त कर दिया गया है किसी भी व्यक्ति को अयोध्या में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है, स्थानीय लोग भी प्रमुख मठ मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं ।

राम मंदिर के पक्ष में अदालत फैसला आने के बाद भगवान श्री राम लला को अस्थाई मंदिर में विराजमान करा दिया गया है, जिसको लेकर इस बार रामनवमी पर भगवान श्री राम के जन्म उत्सव को अत्यधिक भव्य रूप से मनाया जाना था ।

इस बार अयोध्या के मठ मंदिरों में विभिन्न प्रकार के उत्सवों का आयोजन किया जाना था, लेकिन देश भर में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए अयोध्या में होने वाले रामनवमी मेले को ही नहीं स्थगित किया बल्कि मंदिरों में होने वाले तमाम आयोजनों को भी स्थगित कर दिया गया जहां धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था । संतों के मुताबिक अयोध्या में रामनवमी मेला इस बार बड़े ही विशाल और भव्य रुप में मनाए जाने की तैयारी थी लेकिन फैले संक्रमण के कारण इन सभी तैयारियों को स्थगित कर दिया गया । भगवान के गर्भ गृह में जन्मोत्सव के समय भगवान का अभिषेक कर आरती पूजन कर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाया गया ।

रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक अयोध्या का रामनवमी मेला अनादिकाल से है लेकिन इस बार कोरोना के कारण राम नवमी पर अयोध्या सुनी पड़ी है । जिस प्रकार से पूरी अयोध्या बीस लाख से अधिक भक्तों से भरी होती थी, लेकिन आज यह मेला वीरान है ।

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