भिवंडी में जंगली जानवरों व पक्षियों का शिकारी सक्रिय। 2 शिकारी गिरफ्तार, 15 शिकारी फरार.

भिवंडी।। लाॅक डाउन व जमावबंदी लागू होने के कारण कई शिकारी आदिवासियों को लेकर जंगलों में जंगली जानवरों व पक्षियों के शिकार करने की सूचना भिवंडी वन विभाग के अधिकारियों को प्राप्त हुई थी. इन शिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए वन विभाग अधिकारियों ने वन की नाकाबंदी कर 2 शिकारी सहित शिकार किया गया जंगली जानवर भी जब्त कर गिरफ्तार कर लिया गया. वही पर 15 शिकारी बंदूक सहित फरार होने में कामयाब हो गये हैं. जिनकी तलाश वन विभाग अधिकारियों द्वारा की जा रही हैं।
 मिली जानकारी के अनुसार भिवंडी तालुका के सागाव - देवचोले गांव में शासकीय वन क्षेत्र हैं.शासकीय वन क्षेत्र में अनेक जंगली जानवर व पक्षियां विचरण करती हैं. इनका शिकार करना शासन ने प्रतिबंधित किया हुआ हैं. किन्तु कई शिकारी गिरोह आदिवासियों के सहायता से चोरी चुपके इनका शिकार करते हैं. शिकारी गिरोह द्वारा इन जानवरों का शिकार करने हेतु बंदूक व जाल का भी इस्तेमाल किया जाता हैं. वही पर इन शिकारियों द्वारा शिकार करने के लिए कभी कभी जंगलों में आग भी लगा दी जाती हैं जिसके कारण काफी मात्रा में वन संपदा का नुकसान पहुँचाता हैं. ठाणे जिला अधिकारी ने वन संपदा को बचाने व इन शिकारियों पर अंकुश ‌लगाने के लिए आदेश जारी किया हैं जिसके कारण वन विभाग अधिकारियों द्वारा गांव गांव जाकर नागरिकों को आह्वान भी किया जा रहा हैं कि ऐसे शिकारी तथा वन को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों की सूचना वन अधिकारियों को दें. 
     किन्तु कुछ विकृति व्यक्तियों द्वारा जंगलों में रहने वाले जानवरों सहित पक्षियों का शिकार करने के लिए जंगलों में आग लगा दी जाती हैं. पडघा वन क्षेत्र के अधिकारियों ने वन में शिकार कर रहे शरद गजानन भोईर (28) निवासी माशोडीपाडा भिवंडी , व बालू जयराम गवारी (25) निवासी चिंचवली (कुंदे) गांव , को विभिन्न  वन जीव अधिनियम के तरह मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया हैं वही पर इनके साथ लगभग 15 लोग फरार हो गये हैं जिसमें कुछ बंदूकधारी भी शामिल है.तथा इनके पास से शिकार किया हुआ जंगली सुअर भी बरामद कर लिया गया. जिसका वैद्यकीय परीक्षण के बाद बारा बोर की कारतूस भी जंगली सुअर के मृत शरीर से प्राप्त हुआ हैं. गिरफ्तार आरोपियों को मंगलवार को भिवंडी न्यायालय में पेश किया गया जहाँ पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 25 अप्रेल तक फाॅरेस्ट कस्टडी में रखने का आदेश  सुनाया हैं.इस घटना की जांच उपवनसंरक्षक ठाणे डाॅ रामगावकर के मार्गदर्शन में सहायक वन संरक्षक बी.टी. कोलेकर व वन परिक्षेत्र अधिकारी संजय धारवणे कर रहे है. वही पर पडघा वनपरिक्षेत्र के वनपाल अशोक काटेसकर,आर एन गोरले,जे जी भोईर ,वनरक्षक अजय राठोड,अमित कुलकर्णी,शरद म्हाडा ने इस कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई हैं.

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