मोदी का मंगल संदेश :आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज

पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की मुश्किलों का भाषण में जिक्र नहीं 


18 मई से लॉकडाउन-4 भी होगा, लेकिन नए रंग-रूप में

भिवंडी, महाराष्ट्र।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 54 दिन में पांचवीं बार देश के सामने आकर जनता को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने चार अहम बातें कहीं

1) देश को आत्मनिर्भर बनना होगा
2) आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा
 3) आत्मनिर्भर बनने की राह में हमें लोकल प्रोडक्ट्स को अपनाना होगा
4)  लॉकडाउन का चौथा फेज आएगा, पर यह नए रंग-रूप और नए नियमों वाला होगा
       
33 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने 2300 से भी ज्यादा शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने सबसे ज्यादा 28 बार आत्मनिर्भर शब्द का जिक्र किया. हालांकि, प्रधानमंत्री ने उन प्रवासी मजदूरों का कोई जिक्र नहीं किया जो पिछले कुछ दिनों से दिक्कतों का सामना करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों से अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं.उन्होंने आर्थिक पैकेज की घोषणा के दौरान सिर्फ इतना कहा कि इसमें प्रवासी मजदूरों के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले होंगे।
     
लॉकडाउन के दौरान भारत दुनिया का पांचवां ऐसा देश बन गया है. जिसने अपनी जीडीपी का 10% या उससे ज्यादा हिस्सा आर्थिक पैकेज के तौर पर दिया है. भारत से पहले जापान अपनी जीडीपी का 21%, अमेरिका 13%, स्वीडन 12% और जर्मनी 10.7% के बराबर का आर्थिक पैकेज घोषित कर चुके हैं।

भारत में लोगों ने अपने स्वजन खोए:

 प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है. इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दु:खद मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं. मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस किया:

‘‘एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है.विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट में हैं.हमने ऐसा संकट न देखा है न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए यह सब कुछ अकल्पनीय है. यह क्राइसिस अभूतपूर्व है लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।’"

संकल्प संकट से भी विराट होगा: 

‘‘आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा.साथियो! हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है.कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं.विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है।’’

भारत ने आपदा को अवसर में बदला:

‘‘मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बता रहा हूं.जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी.एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था.आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं. हम ऐसा इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया.ऐसा करने की भारत की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है।’’
हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे, सप्लाई चेन को आधुनिक बनाएंगे: ‘‘आज फिर भारत विकास की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा रहा है, तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है। इस शताब्दी की शुरुआत के समय y2k संकट आया था। भारत के वैज्ञानिकों ने दुनिया को इस संकट से निकाला था.आज हमारे पास साधन, सामर्थ्य है, दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है। हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे.अपनी क्वॉलिटी और बेहतर करेंगे. सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे. ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।’’

मोदी की स्पीच के 3 अहम प्वाइंट:

1. आत्मनिर्भर भारत: मोदी ने कहा- ‘‘मैंने अपनी आंखों के साथ कच्छ भूकंप के दिन देखे हैं. हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा. सबकुछ ध्वस्त हो गया था. ऐसा लगता था मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़ कर सो गया था. उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालत बदल पाएगी.लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ.यही हम भारतीयों की संकल्प शक्ति है. हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं.और आज तो चाह भी है, राह भी है.ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना।’’

2. आत्मनिर्भर भारत के 5 स्तंभ: 
‘‘भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। यह भव्य इमारत पांच पिलर्स पर खड़ी है।

पहला पिलर- इकोनॉमी :-- एक ऐसी इकोनॉमी जो इन्क्रीमेंटल चेंज नहीं, बल्कि क्वांटम जम्प लाए.

दूसरा पिलर- इन्फ्रास्ट्रक्चर:- एक ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने।

तीसरा पिलर- सिस्टम:- ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति नहीं, बल्कि 21वीं शताब्दी की टेक्नोलॉजी ड्रिवन व्यवस्था पर आधारित हो.

चौथा पिलर- डेमोग्राफी:- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की डेमोग्राफी आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है.

पांचवां पिलर- डिमांड :- इसका चक्र और इसकी ताकत का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।’’

3. विशेष आर्थिक पैकेज:

 ‘‘देश में डिमांड बढ़ाने और इसे पूरा करने के लिए हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेकहोल्डर का सशक्त होना जरूरी है.हमारी सप्लाई चेन को हम मजबूत करेंगे, जिसमें मेरे देश की मिट्‌टी की महक हो. हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू हो. कोरोना संकट का सामना करते हुए नए संकल्प के साथ मैं आज 20 लाख करोड़ रुपए के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं.यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।’’

मोदी ने विशेष पैकेज क्यों दिया?

1. प्रधानमंत्री के मुताबिक, 20 लाख करोड़ रुपए का यह पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 फीसदी है. इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को 20 लाख करोड़ रुपए का संबल और सपोर्ट मिलेगा।
2. यह पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडी और लॉ... सभी पर बल दिया गया है।
3. मोदी ने कहा कि आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु उद्योग, एमएसएमई के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
4. आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए, उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति और हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहा है.यह पैकेज देश के मध्यमवर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है.यह भारत के उद्योगपतियों के लिए जो भारत को आर्थिक बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं।
5. ‘‘गरीब, श्रमिक, प्रवासी मजदूर हों, मछुआरे हों, हर तबके लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा। कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन, लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है.लोकल ने ही हमारी डिमांड पूरी की है और हमें इस लोकल ने ही बचाया है। लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।’’

कोरोना पर अब तक मोदी के 4 संदेश :-

पहला: प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी. 22 मार्च को देशभर में सबकुछ बंद रहा.शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था।

दूसरा: मोदी ने 24 मार्च को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था.उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।

तीसरा: प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया। इस दौरान लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी।
चौथा: प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने लॉकडाउन आगे भी बढ़ाने का ऐलान किया था। 

लॉकडाउन के अब तक तीन फेज:-

कोरोना की वजह से देश पहला लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक और दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल से 3 मई तक रखा गया था। इसके बाद तीसरे फेज का लॉकडाउन 4 मई से शुरू हुआ जो 17 मई तक चलेगा।

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