पहली बारिश में खुली नाला सफाई की पोल

पालिका का लगभग डेढ़ करोड़ पानी में डुबा ?

भिवंडी ।। निसर्ग चक्रवात के कारण मानसून के पहले आया बारिश से भिवंडी शहर के कई भाग जलमग्न हो गयें। वही पर नाला सफाई के दौरान नाले से निकाला गया कचरा सड़कों पर बहने लगा। जिसके कारण चारों तरफ गंदगी व बदबू फैली गयी. गुरुवार 4 जून, सुबह आयी तेज बारिश के कारण शहर में नाला सफाई व्यवस्था की पोल खुल गयी। सड़कें तालाब में तब्दील दिखीं। लोगों के घरों व दुकानों में बारिश का पानी घुसपैठ करने लगा.बारिश की रफ्तार थमने के एक घंटे बाद सड़कों से पानी निकल सका।
 
 भिवंडी पालिका परिसर के कई क्षेत्रों की तस्वीरें नरक के रूप में तब्दील रही.गंदगी से पटी सड़कों पर चलना दूभर रहा.महीनों से सफाई न होने के चलते नाले चोक हो गये.बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया था.गल्ली मोहल्ले आदि जगहों में पानी भरा रहा.वही पर भिवंडी की मुख्य सब्जी मार्केट तीन बत्ती घुटने भर पानी में डुबा रहा.कल्याण रोड अप्सरा टाकीज, म्हाडा कालोनी, धामणकर सब्जी मार्केट ,मंगल भवन टोरेंट आर्फिस, कल्याण नाका आदि जगहों पर पानी घंटो भरा रहा। सर्वाधिक परेशानी सब्जी मार्केट, तीन बत्ती परिसर में लोगों को उठानी पड़ी। पानी भरने से सब्जी दुकानदार परेशान दिखे।
     
गौरतलब हो कि निसर्ग चक्रवात के कारण दो दिनों से रिमझिम बारिश व आसमान पर काले बादल छाए रहे.आज सुबह तेज बारिश शुरू हुई। बारिश हालांकि एक से दो घंटे रही मगर इस दौरान शहर की स्थिति को बद से बदतर बना दिया। जल निकासी की समस्या से जूझ रहा भिवंडी पालिका में जगह-जगह जल जमाव हो गया। हालांकि भिवंडी पालिका प्रशासन प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर नाला सफाई करवाती हैं.किन्तु समुचित जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रत्येक वर्ष शहर के निचले भागों में पानी भर जाता हैं. पालिका प्रशासन की नाला सफाई व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैया के कारण शहर जलमग्न रहा। कूड़े कचरे से पटा नाला बारिश के बाद उफना गया। जिसके कारण नाले से ऐसी दुर्गध निकल रही है जिससे आसपास के लोगों का सुकून की सांस लेना दूभर है। सड़को की पटरियों पर जहां जल जमाव फैला हुआ रहा। वहीं नालियां गंदे पानी से बजबजा रही हैं। मतलब कि पहली बारिश ने भिवंडी मनपा की हकीकत खोल दी है। बरसात चरम पर होगी तो शहर की स्थिति पूरी तरह नारकीय बन जाएगी। 

नागरिकों का आरोप :
पालिका प्रशासन ने इस वर्ष नाला सफाई का ठेका पांच ठेकेदारों को 01 करोड़ 58 लाख 32 हजार 05 सौं 43 रुपये में दिया हैं. जो प्रभाग समिति क्रमांक 01 झा.पी.एड कंपनी उल्हासनगर (36 लाख 20 हजार 986 रुपये ), प्रभाग समिती क्रमांक 02 मेसर्स बुबेरे एड असोसिएट्स ( 34 लाख 91 हजार 434 रुपये ), प्रभाग समिती क्रमांक 03 मेसर्स सागर कन्ट्रक्शन  उल्हासनगर ( 24 लाख 45 हजार 800 रुपये ), प्रभाग समिती क्रमांक 04 मेसर्स बुबेरे एड असोसिएट्स  (31 लाख 96 हजार 693) , प्रभाग समिती क्रमांक 05 मेसर्स सागर कन्ट्रक्शन उल्हासनगर ( 30 लाख 77 हजार 630 रुपये ) का ठेका दिया हैं.किन्तु पहली बारिश में नाला सफाई की पोल खुल गयी हैं. जिसको देखते हुए कई नागरिकों ने पालिका प्रशासन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन के अधिकारी नाला सफाई के ठेकेदारों से सांठ गांठकर अपना हिस्से का टका लेकर कुंभकरणी नींद में सो गये हैं.जो पहली बारिश में साक्षात् दिख रहा हैं।

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