झोपड़पट्टियों को छोड़ बिल्डिंग की सीढियां चढ़ रहा कोरोना

भिवंडी।। हवाई जहाज से उड़कर भारत में दाखिल होने वाला करोना मुंबई होते हुए पूरे राज्य में पहुँचा। भिवंडी शहर मुंबई से सटा होने के कारण कोरोना से अछूता नहीं रहा.मजदूर बाहुल्य शहर होने के कारण स्लम क्षेत्रों में सबसे ज्यादा असर होने की संभावनाएं जताई जा रही थी.किन्तु इसके विपरीत झोपड़पर्टियो को छोड़कर बिल्डिंगों की सीढियां चढ़ते हुए कोरोना बिल्डिंगों में कोहराम मचा रहा हैं। जिन इलाकों में संक्रमण की उम्मीद कम थी वहाँ भी कोरोना पहुँच चुका हैं अशोक नगर गोपालनगर मानसरोवर मिल्लतनगर औसवाल वाडी भादवड, टेमघर आदि क्षेत्रों में इमारतें सोसायटी के रुप में निर्मित  हैं.इन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की संभावनाएं बहुत कम थी.किन्तु इन्ही क्षेत्रों में प्रतिदिन नये मरीज मिल रहे हैं. 9 जून तक शहर परिसर क्षेत्र से 326 मरीज पाऐ जा चुके हैं. जिसमें 21 संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु हो चुका है, वही पर 172 लोगों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा हैं। इसके साथ ही 133 लोग उपचार के दरम्यान ठीक भी हो चुके हैं.455 लोगों को कोरंटाइन सेंटर में रखा गया हैं।  समदनगर, गैबीनगर, गुलजार नगर, मिल्लतनगर, कामतघर, पदमानगर,नवीबस्ती, रावजीनगर, चव्हाण कालोनी, बंगालपुरा, दरगाह दिवानशाह परिसर कोरोना के हाॅट स्पाॅट बने हुए हैं। शांतिनगर परिसर में प्रतिदिन नये मरीज मिल रहे है। झोपड़पट्टी में जगह कम होने , सार्वजनिक शौचालय होने के कारण कोरोना का प्रसार तेजी से हुआ.जबकि बिल्डिंगों में अपेक्षाकृत बड़ी जगह और भीतर ही शौचालय होने के बाद भी कोरोना बिल्डिंगों की सीढ़ियां चढ़ने में कैसे कामयाब हो गया ? लाॅक डाउन होने से अधिकतर लोग अपने घरों में थें।केवल जरूरी समान के लिए ही परिवार का कोई एक सदस्य घर से बाहर निकलता था। वचाव के सभी उपाय करने के बाद भी लोग कोरोना से कहां, कैसे संक्रमित हुए पता नहीं चला.मई तक शहर में बहुत कम मरीज थें किन्तु जून लगते ही प्रतिदिन दर्जनों मरीज मिल रहे हैं। वही पर इमारतों में कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने का सिलसिला जारी हैं।

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