
भिवंडी पालिका क्षेत्र में 782 जर्जर इमारत । जिसमें 210 अति जर्जर इमारत।
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jun 18, 2020
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भिवंडी।। भिवंडी महानगर पालिका प्रशासन के लापरवाही से लगातार जर्जर इमारतों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं.वर्ष 2020 के सर्वेक्षणानुसार 782 इमारतें जर्जर अवस्था पाई गयी है। जिसमें 210 अति जर्जर हैं, जो कभी भी धराशायी हो सकती हैं। इसके साथ ही 43 अति जर्जर इमारतें को जल्द निष्कासित किया जायेगा। इस प्रकार की जानकारी शहर विकास विभाग प्रमुख राजू वर्लीकर ने दिया हैं।
गौरतलब हो कि 782 जर्जर इमारत में लगभग 25 हजार परिवार रहता हैं। जिसके कारण
बरसात में एक लाख से ज्यादा लोगों के जान का खतरा बना हुआ हैं। बीते तीन वर्षों के दरम्यान जर्जर इमारतें गिरने से लगभग 19 लोगो की मृत्यु व 42 लोग घायल हो चुके हैं। उस समय शासन ने तत्काल जर्जर इमारतें निष्कासित करने के लिए पालिका प्रशासन को आदेश दिया था। किन्तु पालिका प्रशासन ने सिर्फ कागज़ी कार्रवाई कर जर्जर इमारतें का मुद्दा ठंडे बिस्तर में डाल दिया। जिसके कारण पुनः एक बार फिर जर्जर इमारतें के संख्या में वृद्धि हुई हैं। वही पर महानगर पालिका जर्जर इमारतों के मालिकों को नोटिस देकर सिर्फ खाना पूर्ति कर रखी हुई हैं। कोरोना वायरस व लाॅक डाउन के कारण अधिकांश नागरिक अपने अपने घरों में कैद हैं। जर्जर इमारतों में रहने वाले लोग कहा जाये। वह प्रत्येक दिन इन्ही इमारतों में रहने के लिए मजबूर हैं।
भिवंडी महानगर पालिका में कुल पांच प्रभाग समितियां हैं। पाँचों प्रभाग समितियों में भारी संख्या में जर्जर इमारतें में लोग रहते हैं।
प्रभाग समिति क्र. एक --36.
प्रभाग समिति क्र. दो --159.
प्रभाग समिति क्रं तीन - 208.
प्रभाग समिति क्रं. चार - 278.
प्रभाग समिति क्रं. पांच 221.
कुल 782 जर्जर इमारतें का समावेश हैं.पालिका प्रशासन ने जर्जर इमारतों में रहने वाले लोगों को नोटिस देकर खाना पूर्ति किया हैं। किन्तु इनका पुनर्वसन का उपाय नहीं किया गया। इस प्रकार का आरोप नागरिकों ने प्रशासन पर लगया हैं। जर्जर इमारतों में रहने वाले लोगों का किस प्रकार से पुनर्वसन हो सकें। इसके लिए पालिका प्रशासन व जन प्रतिनिधियों को प्रयत्न करना चाहिए। इस प्रकार की मांग रहिवासियों ने किया हैं।
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