मुंबई के एस वार्ड मे कोरोना के मामलों मे हुई वृद्धि
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Jun 27, 2020
- 626 views
मुंबई।। मुंबई के धारावी और वर्ली के बाद उत्तर मुंबई के कई इलाके कोरोना की चपेट में आ गए हैं। लेकिन इन इलाकों के साथ साथ वार्ड पी-नॉर्थ, वार्ड एल, वार्ड एस और वार्ड-टी जैसे नए इलाके भी कोरोना की चपेट में आते दिखाई दे रहे हैं। इन सभी वॉर्डों में पवई, कांजुरमार्ग ,विक्रोली और भांडुप जैसे क्षेत्र आते हैं।
बीएमसी (BMC) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वार्ड-एस जिसमें भांडुप, पवई, कांजुरमार्ग, विक्रोली और नाहुर जैसे क्षेत्र आते हैं, वहां 27 मई, 2020 तक कुल 1,278 मामले सामने आए थे। लेकिन, एक महीने में ही इन्हीं इलाकों में कोरोना के केस में 200 फीसदी तक की वृद्धि हो गई। इस समय तब से लेकर अब तक केसों की संख्या में तीन गुना तक वृद्धि हो चुकी है। 24 जून, 2020 तक S/वार्ड में 3,857 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2,005 मामले सक्रिय हैं और 1,601 रोगियों को छुट्टी दी गई है। इसके अलावा, वार्ड-एस में रोगियों की वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत है जो शहर में दूसरे स्थान पर है और यह संख्या मुंबई के कुल औसत 1.72 से भी अधिक है।
वार्ड T यानी मुलुंड (पूर्व और पश्चिम) में 27 मई, 2020 तक कुल 626 मामले थे। लेकिन 24 जून, 2020 तक इलाके में कुल 2,064 मामले दर्ज हो चुुके हैं, जिनमें से 1,106 मामले सक्रिय हैं। साथ ही 891 रोगियों को छुट्टी दे दी गई है। इस समय पूरे मुंबई में मुलुंड ऐसा इलाका है जहाँ कोरोना अपने उच्चतम विकास दर 3.6 प्रतिशत पर है। तो दूसरी ओर वार्ड-एस (भांडुप, पवई, कांजुरमार्ग, विक्रोली और नाहुर) और वार्ड-टी (मुलुंड) में डबलिंग रेट यानी दुगुनी होने की दर निचले छोर पर है। वार्ड-टी (मुलुंड) में सबसे कम डबलिंग रेट 20 दिन और वार्ड-एस (भांडुप, पवई, कंजुरमार्ग, विक्रोली और नाहुर) में डबलिंग रेट 25 दिन है। इसे देखते हुए BMC अधिकारी अब इन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ध्यान केंद्रित कीये हुए हैं।
इन इलाकों में Covid-19 मामलों की कुल संख्या को ध्यान में रखते हुए, बीएमसी अधिकारियों ने कुछ क्षेत्रों रेड जोन के रूप में चिह्नित किया है। वार्ड-एस में कुल 71 क्षेत्रों (स्लम और चॉल) और 142 बिल्डिंगों को सील कर दिया गया है और वार्ड-टी में 453 बिल्डिंगों के साथ 42 क्षेत्रों को सील किया गया है। वार्ड S और वार्ड T इन दोनों क्षेत्रों में कोरोना मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अधिकारियों द्वारा यहां रहने वालों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है।स्क्रीनिंग के बाद यहां कई बुजुर्ग ऐसे भी पाए गए जो बीमार चल रहे थे, सभी की देखरेख की जा रही है।
रिपोर्टर