भिवंडी में बाढ़ जैसी स्थिति के जिम्मेदार कौन ? सफाई ठेकेदारों सहित अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत

भिवंडी।। थोड़ी से बारिश होने के बाद शहर घुटने भर पानी में भर जाता है जिसके कारण यातायात बाधित होने के साथ-साथ नागरिकों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ता है पालिका प्रशासन प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर नाला की सफाई करवाती है या सफाई का ढोंग रचकर ढ़िढोरा पिटवाती है। इस प्रकार का चर्चा नागरिकों में व्याप्त है।

नाला सफाई के लिए 1,58,32,543 रुपये का ठेका:
शहर के पांचो प्रभाग समितियों में इस वर्ष नाला सफाई का ठेका 1 करोड़ 58 लाख 32 हजार 543 रुपये में महानगर पालिका प्रशासन ने ठेकेदारों को दिया था। किन्तु लाॅक डाउन के कारण मजदूर विहीन व बंद शहर में ठेकेदारों को मजदूर नहीं मिलने से सफाई कार्य के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है। जिसके कारण थोड़ी सी बरसात में नाला उफान मारकर सड़कों पर बहने लग रहा है। प्रभाग समिति क्रमांक 02 व 04 के परिक्षेत्र अंर्तगत नाला सफाई का ठेका भिवंडी के मेसर्स बुबुरे एंड एसोसिएटस कंपनी ने क्रमशः 34 लाख 91 हजार 434 रुपए व 31 लाख 96 हजार 693 रूपये में लिया था। इसी प्रकार से प्रभाग समिति क्रमांक 01,03 और 05 का ठेका उल्हासनगर की कंपनी मेसर्स झा पी एंड कंपनी व सागर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ले रखा था जो क्रमशः 35 लाख 20 हजार 986 रुपए, 24 लाख 45 हजार 800 रुपए और 30 लाख 77 हजार 630 रूपये में था। 

बारिश में शहर का निचला भाग सहित कई क्षेत्र जलमग्न:
शहर के गोपालनगर,मंडाई, तीनबत्ती, घूघंटनगर, पदमानगर, कामतघर, गुलगार नगर,संगमपाडा, गैबीनगर, नबी बस्ती, ईदगाह, भंडारी कंपाउड आदि परिसर थोड़ी सी बरसात में जलमग्न हो रहे है। नाला की सफाई नहीं होने कारण गंदा व बदबूदार पानी लोगो के घरो तथा दुकानों में घुस रहा है। जिसके कारण दुकानदारो को नुकसान के साथ साथ वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण और तेजी के साथ फैल रहा है।

ठेकेदारो सहित मनपा अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत:
शहर वैश्विक महामारी कोरोना से जहां जूझ रहा है.वही पर अब नागरिकों को बारिश में बाढ़ जैसी स्थिति में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.जिसके कारण कई जागरुक नागरिकों व सामाजिक संगठनों ने नव नियुक्ति आयुक्त डाॅ. पंकज आशिया से नाला सफाई में हुए भष्ट्राचार की शिकायतें कर लाॅक डाउन में बराबर सफाई नही होने का आरोप लगा कर जांच करने की मांग की जा रही है.वही पर भष्ट्राचार में लिप्त अधिकारियों पर कारवाई करने तथा ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेट करने की मांग को देखते हुए नाला सफाई के कार्यो को पुनः जांच करवाने के संकेत मिल रहे है। जिसके कारण भष्ट्र अधिकारियों सहित ठेकेदारों में हडकंप मचा हुआ है।

रिपोर्टर

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