वर्षों से प्रशासनिक कमियों का दंश झेल रही है महिला, नही है कोई मददगार

 सैदपुर कलां, कादीपुर, सुल्तानपुर ।। “पर उपदेश कुशल बहुतेरे जे आचरहिं ते नर न घनेरे” ,,यह कहावत सुल्तानपुर जिले के कादीपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर कला ग्राम प्रधान बिनोद मिश्र पर बिल्कुल सटीक बैठती है । दरअसल आजकल प्रधान जी एक सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिए एक निरीह महिला के मकान के समीप स्थित बंजर में उसके द्वारा रक्षित पेड़ो को नष्ट करके उसके  निकास का साधन बंद करना चाहते हैं तथा साथ ही साथ ईर्ष्या पूर्ण तरीके से वहां लोगों की  भीड़ इकट्ठा कर अराजक तत्वों द्वारा अभद्र टिप्पणी करवाने की  नीयत से सार्वजनिक शौचालय बनवाना चाह रहे हैं जबकि वहाँ सभी घरों में  शौचालय उपलब्ध हैं।  स्वयं प्रधान जी अपना बाथरूम व जलनिगम नलकूप, घर के पास स्थित तालाब की जमीन में लगा चुके हैं जिस जमीन का गाटा नम्बर 19 है तथा उससे सारी चीजें हटाने को प्रशासन को लिखित भी दे चुके हैं किंतु 3 वर्ष से उस पर अमल नहीं कर रहे हैं । उनका उपदेश सिर्फ दूसरों के लिये है । प्रधान द्वारा पीड़ित महिला सिर्फ यह चाहती है कि उसके घर के पास स्थित बंजर में लोकहितार्थ जो पेड़ उसने लगा रखे हैं उन्हें सरकारी मानकर कटने से बचाया जाय जिससे पर्यावरण को लाभ तो होगा ही साथ ही साथ पथिक को विश्राम हेतु छाया भी उपलब्ध होगी। जब वहाँ सभी घरों में शौचालय हैं तो सरकारी धन का उपयोग कहीं ऐसी जमीन पर किया जाय जहाँ शौचालय से विहीन अधिक परिवार रहते हों जिससे सरकार का प्रत्येक व्यक्ति तक शौचालय उपलब्ध करवाने का ध्येय भी पूरा हो जाएगा।  

प्रधान द्वारा जमीन को नष्ट करने व सरकारी धन को बर्बाद करने का कार्यक्रम मात्र एक निरीह महिला से ईर्ष्या है जिसका पति मंदबुद्धि है तथा मुम्बई में गार्ड का कार्य करता है । वह महिला अपनी दो  सयानी बच्चियों के व 5 वर्षीय बेटे के साथ प्रधान व उनके गुर्गों से भयभीत, किसी प्रकार अपनी गरीबी के दिन काट  रही है । किंतु प्रधान जी हैं ,,तो जो चाहेंगे ,,वह करेंगे,, क्योंकि पावर में हैं । उन्हें किसी की समस्या से कोई मतलब नहीं है ।महिला के लाख रोने गिड़गिड़ाने के बावजूद प्रधान ने उसकी आँखों के सामने ही शनिवार 18 जुलाई को कई पेड़ काट डाले । अंततः  इस मामले में  सुल्तानपुर के पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने के बाद उन्होंने कादीपुर थाने से  पुलिस सहायता भेजी ।   इस कार्य को रोकने हेतु भेजी गई  पुलिस ने प्रधान से पूछा कि क्या कोई प्रस्ताव है कि यहाँ शौचालय बनेगा ? महिला की सहमति ली गई क्या ? इन प्रश्नों को सुनकर  प्रधान जी बगली झाँकने लगे। क्योंकि वहां सार्वजनिक शौचालय बनने का न तो कोई प्रस्ताव है, न ही उस महिला की सहमति है जो अपनी दो सयानी बेटियों के साथ वहां पर रहती है उस जमीन के आसपास की बंजर जमीनों पर कई लोगों ने अपने घर , बाउंड्री वाल आदि बना रखे हैं किंतु प्रधान जी में उन लोगों को कुछ भी कहने की सामर्थ्य नहीं है इसलिए एक असमर्थ महिला पर अपनी प्रधानी की दादागिरी दिखा रहे हैं । इससे पूर्व में उस महिला के चक में बिना चकमार्ग रहे जबरन चकमार्ग प्रधान द्वारा बनवाया जा चुका है।  जिसकी शिकायत प्रशासन में होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई ।  हाल फिलहाल प्रधान द्वारा उसकाने पर पड़ोसी उमाशंकर दुबे ने कुछ बाहरी अराजक तत्वों को बुलाकर उस महिला के जानवरों के टिन शेड व दीवारों को तोड़ दिया, छप्परों को ढकेल कर गिरा दिया किंतु उसमें भी एसडीएम के निरीक्षण करने के बावजूद तथा पुनः उसके निर्माण करने के आदेश के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा उस जमीन पर 145 दायर कर दिया गया जिससे वह महिला विवादित हो जाने के कारण अपने जानवरों को धूप पानी और ठंड में रखने को मजबूर हो गई, किंतु फिर भी प्रशासन को एक गाय की इस तरह की दशा स्वीकार है ।भले ही योगी जी गौ रक्षा को प्राथमिकता दे रहे हो किंतु सुल्तानपुर जनपद के थाना कादीपुर ,उप जिलाधिकारी कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद महिला को अंततः हार मानकर गाय को उसके भाग्य के भरोसे छोड़ना पड़ा जो कि एक दयालु महिला के लिए समस्या भरा है किंतु विवश होकर रोने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।  आखिर सरकार महिलाओं की सुरक्षा भी किस प्रकार करेगी जब उनकी आंखों के सामने ही उनकी संपत्ति को नष्ट किया जाएगा गाली दी जाएगी मारने के लिए दौड़ाया जाएगा और वीडियो मौजूद रहने के बावजूद भी प्रशासन कुछ नहीं करेगा तो ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा ही ,,ऊपर से दबंग प्रधान का सहयोग मिले तो सोने पर सुहागा।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट