
वेश्यावृत्ति से जुड़ी चार महिलाओं ने त्यागा वेश्यालय
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 25, 2020
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◼ लाॅक डाउन में सिखा था आत्मनिर्भरता का गुण
◼ समाज के मुख्यधारा में आयी वापस
भिवंडी।। भिवंडी शहर के मानसरोवर, खदान रोड़ पर स्थित रेड लाइट एरिया हनुमान टेकरी में सेक्स वर्कर के रूप में काम करने वाली महिलाओं ने लाॅक डाउन के दरम्यान अपना व्यवसाय बंद कर दिया था.इस वैश्विक महामारी कोरोना से इनका जीवन अंधकारमय हो गया। इनके सामने एक तरफ भुखमरी थी तो दूसरी तरफ महामारी का डर था। इसी दरम्यान श्रमजीवी संघटना के माध्यम से श्री साई सेवा संस्था की अध्यक्षता डाॅ.स्वाती खान ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया तथा उन्हे घरेलू रोजगार की धारा से जोड़कर स्वावलंबी बनाया.जिसके कारण आज चार महिलाएं वेश्यावृत्ति व्यवसाय छोड़कर समाज के मुख्य धारा में वापस आयी।
◼ आत्मनिर्भर बनाने का पाठ :
बदनाम बस्ती हनुमान टेकड़ी में लगभग 500 महिलाएं वेश्या व्यवसाय से जुड़ी है.इस बदनाम बस्ती में रहकर वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी उपचार के लिए श्री सांई सेवा संस्था की अध्यक्षता डाॅ.स्वाति खान लगभग 05 सालों से प्रयत्नशील है.लाॅक डाउन के दरम्यान डाॅ.स्वाति खान ने इन महिलाओं के बीच तीन महिने का राशन विभिन्न संस्थाऐ के माध्यम से वितरण करवाया. इसी दरम्यान इन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 25 महिलाओं को घरेलू व्यवसाय अगरबत्ती पैकिंग व सजावटी समान बनाने के काम का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया। जैसे-जैसे इस काम से पैसे मिलने शुरू हुए, बदनाम बस्ती में रहने वाली चार महिलाओं ने वेश्यावृत्ति छोड़ आम महिलाओं की तरह जीवन जीने का फैसला लिया।
◼ महिलाओं को दिया गया घर :
बदनाम बस्ती में रहकर वेश्यावृत्ति का व्यवसाय करने वाली चार महिलाओं को वेश्यालय छोड़ने पर उन्हें रहने के लिए डां स्वाति खान ने किराये का घर उपलब्ध करवाया। तथा उन घरों का नाम मलयालम् भाषा में "चिची हाऊस" बहनी का घर रखा गया। भिवंडी शहर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुभाष कोकाटे के शुभ हस्ते से "चिची हाऊस" की चाबी इन महिलाओं को सौंपा गया।
◼ रोजगार उपलब्ध करवाने का आश्वासन :
श्री सांई सेवा संस्था की अध्यक्षता डाॅ.स्वाति खान ने इन महिलाओं को आश्वासन देते हुए कहा कि इसी तरह आगे भी रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा। जिससे उनके जीवनकाल में जीवनावश्यक सामग्री पूरा हो सके। इन महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने से मन में आध्यात्मिक संतुष्टि प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि एक 30 वर्षीय महिला जो लगभग 14 साल से नरक में जीवन व्यतीत कर रही थी. समाज के मुख्यधारा में प्रवेश करने के बाद उसकी आँखों में आंसू छलक गये। रोते हुए महिला ने कहा कि अब हम सब दृढ़ निश्चय कर लिए है कि कोई भी परेशानी झेलनी पड़े किन्तु वापस उस नरक में नही जाएगी।
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