कामतघर स्थित वराला देवी हॉस्पिटल का कोव्हिड मान्यता रद्द - आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया

◾कोव्हिड से संक्रमित मरीज़ का पंजीकरण भी रद्द

◾ समुचित व्यवस्था नही होने से मरीज़ो की सबसे ज्यादा मौतें

◾ कोव्हिड हॉस्पिटल की मान्यता देने वाले तत्कालीन अधिकारी को भी नोटिस जारी

भिवंडी।। शहर में कोरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महानगर पालिका प्रशासन ने कुछ निजी अस्पतालों को किराये पर लेकर कोव्हिड -19 से संक्रमित मरीज़ों को तत्काल उपचार के लिए मान्यता दिया है। जिसमें कामतघर स्थित वराला देवी हॉस्पिटल का भी समावेश था.किन्तु वराला देवी हॉस्पिटल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के उपचार हेतु तज्ञ डाॅक्टरों की टीम उपलब्ध नहीं होने से महानगर पालिका आयुक्त डाॅ. पंकज आशिया ने संज्ञान में लेते हुए इस हॉस्पिटल में नये मरीज़ो की भर्ती के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
     
शुक्रवार को हुए मनपा मुख्यालय टास्क फोर्स बैठक में
यह निर्णय लिया गया.यह बैठक मान्यता प्राप्त सभी कोव्हिड हॉस्पिटलों के मृत्यु दर तथा उपचार व्यवस्था की चर्चा के लिए आयोजित किया गया था.जिसमें पाया गया कि मान्यता प्राप्त कोव्हिड वराला देवी हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मौतें जुलाई महीने में हुई है.जिसको देखते हुए आयुक्त ने नये मरीज़ो का पंजीकरण इस हॉस्पिटल में मना कर दिया है.वही पर हॉस्पिटल में भर्ती मरीज़ो को तत्काल कोव्हिड -19 स्वं.इंदिरा गांधी हॉस्पिटल में हस्तांतरण करने के लिए आदेश जारी किया है इसी बैठक के दरम्यान हॉस्पिटल प्रबंधक को दिया गया कोव्हिड -19 मान्यता भी रद्द कर दिया है।
     
कोरोना से संक्रमित मरीजों को ICMR व सरकारी आदेशों के अनुसार संतोषजनक इलाज व दवा देना अनिवार्य है.सभी को संबंध में सतर्क रहने के लिए भी कहा गया हैं.लेकिन इस अस्पताल में सरकारी मानदंडों व ICMR के अनुसार मरीज़ो का दवा व इलाज़ नहीं किया जा रहा था.साथ ही इस हॉस्पिटल में मृत्यु दर भी अधिक होने के कारण आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया.जिसके कारण इस हॉस्पिटल का कोव्हिड -19 पंजीकरण को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है.तथा हॉस्पिटल प्रबंधक को स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस भी जारी किया है.गलत स्पष्टीकरण देने पर दंडात्मक तथा फौजदारी तक मामला दर्ज करवाया जायेगा। वही पर अब नये मरीज़ो का पंजीकरण करने से भी मनाही हुकुम जारी किया गया है. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधक तथा हॉस्पिटल को कोव्हिड हॉस्पिटल की मान्यता देने वाले तत्कालीन  प्रशासकीय अधिकारी व कर्मचारी को नोटिस जारी कर खुलासा मांगा गया है। इस प्रकार की जानकारी मुख्य वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉक्टर नितीन मोकाशी ने दिया है।

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