बकरीद में कुर्बानी को लेकर नेताओं व शासन में छिड़ी है जंग
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Jul 28, 2020
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◾कोरोना काल के चलते बकरीद व गणेशोत्सव दोनों त्योहार होंगे रंगहीन
भिवंडी।। गांव तथा शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने कई अहम फैसले लिये है.सभी धर्मों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई हैैै.क्योंकि आने वाले त्यौहारों में लोग लाॅक डाउन का पालन नहीं कर पायेगें.जिसके कारण महामारी और फैल सकती है। अगस्त माह में पढ़ने वाला बकरीद व गणेश उत्सव अब दोनों रंगहीन,बे रौनक हो जायेगें।
शहर में बकरीद के लिए कुर्बानी के जानवरों आदि की खरीदारी दो-तीन सप्ताह पहले से ही शुरू हो जाती थी लेकिन कोविड के चलते इस साल न ऐसा कुछ हो रहा है और न ही ऐसा कुछ होने वाला है। क्योंकि कोविड-19 की प्रचलित नियमों के मुताबिक राज्य सरकार ने बकरीद पर सार्वजनिक तौर से मस्जिद और ईदगाह में सामूहिक नमाज की अदायगी पर रोक लगाते हुए उसे परंपरागत ढंग से मनाने पर मनाही कर दिया है। भीड़भाड़ से बचते हुए अपने अपने घरों में नमाज अदा करने सहित बड़े जानवरों की कुर्बानी की बजाय केवल बकरे की कुर्बानी अथवा प्रतीकात्मक रूप से कुर्बानी की सलाह दी गई है।
यदि पिछले साल की आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल शहर के 38 अस्थाई कत्लखानों में 5426 बकरी और भेड़ तथा 586 पाड़ा आदि बड़े जानवरों सहित कुल 6012 जानवरों की कुर्बानी दी गई थी.इसी तरह शहर की 151 मस्जिदों और एक ईदगाह में करीब ढाई लाख पुरुषों और 350 स्त्रियों ने बकरीद की नमाज अदा किया था.तथा भिवंडी ग्रामीण की 34 मस्जिदों, पांच मदरसा और एक निजी जगह में लगभग साढ़े आठ हजार लोगों ने बकरीद की पारंपरिक नमाज अदा की थी।
◾ शहर के नेता कुर्बानी करने के लिए कर रहे है मांग :
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