सरकारी से प्राइवेट हो सकते हैं देश के बड़े PSU बैंक, क्या होगा ग्राहकों का❓
- रामसमुझ यादव, ब्यूरो चीफ मुंबई
- Aug 01, 2020
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मुंबई।। भारत सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों को प्राइवेट करने की योजना बना रही है। योजना ये है कि इनकी संख्या घटाकर 5 पर लाया जाए। आइए जानें अब क्या है नई तैयारी?
नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह पब्लिक सेक्टर के तीन बैंकों का निजीकरण कर दे। ये बैंक हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। इन सुझावों में सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही एनबीएफसी को अधिक छूट देने की बात कही जा रही है।
भारत सरकार अपने आधे से भी अधिक पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की योजना बना रही है। योजना ये है कि इनकी संख्या घटाकर 5 पर ले आया जाए। इसकी शुरुआत बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक के अपने शेयर्स बेचने से हो सकती है. इसको लेकर पीएम मोदी ने बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी और बैंकिंग सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा भी की गई थी.
अब सबसे बड़ा सवाल यहीं उठता है कि अगर ये बैंक प्राइवेट होते है तो ग्राहकों का क्या होगा? इस पर एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल बताते हैं कि इस फैसले से ग्राहकों पर कोई भी खास असर नहीं होगा। क्योंकि बैंक की सेवाएं पहले की तरह ही बरकरार रहती है
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