किसान व कृषि उत्पन्न बाजार समिति के अस्तित्व पर खतरा मंडराया

◼खेतों में उत्पादन होने वाले माल का व्यापार और व्यवहार ( प्रचलन तथा सुविधा) कानून 2020 लागू

◼ बाज़ार समिति के लोगो ने किया एक दिवसीय आंदोलन

भिवंडी।। केन्द्र सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बाजार समितियों पर नया अध्यादेश 2020 लागू कर राज्यों को आह्वान किया है कि इस अध्यादेश को तत्काल लागू किया जाए.जिससे किसानों द्वारा खेतों में पैदा किया माल का व्पापार और लेनदेन ( प्रचलन तथा सुविधा) प्रदान किया जा सकें। इस अध्यादेश का विरोध बाजार समितियों द्वारा किया जा रहा है और बाजार समितियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. वही पर आशंका व्यक्त किया जा रहा है कि यह कायदा लागू होने पर किसानों के साथ धोखाधड़ी होने की प्रबल संभावनाएं है। 05 जून को जारी इस अध्यादेश के खिलाफ राज्य के 306 बाज़ार समितियां व 613 उप बाज़ार समितियों द्वारा शुक्रवार के दिन एक दिवसीय बाजार बंद कर आंदोलन किया गया।
           
भिवंडी कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सचिव यशवंत म्हात्रे के नेतृत्व में कोनगांव बकरा मंडी तथा अस्नोली के अनाज मंडी उपबाजार पूरी तरह से बंद रखकर सरकार के फैसले का विरोध किया गया.बाज़ार समितियों को कृषि वस्तुओं की बिक्री व खरीद बाहर होने से उन्हें कर नहीं मिलेगा.जिसके कारण बाजार समितियों को काफी नुकसान होने वाला है.इसके साथ ही किसानों ने भी इस कानून का विरोध किया है.किसानों को अपना माल बेचने के लिए दर दर भटकना पड़ेगा.जिससे उन्हें अधिक परेशानी खर्च भी अधिक उठाना पडेगा।
     
राज्य में बाजार समितियों की आय का मुख्य स्रोत बाजार शुल्क है इसके अलावा, समितियों को सरकार से कोई सब्सिडी या वित्तीय सहायता नहीं मिलती है बाजार समितियों को किसानों व व्यापारियों के सुविधा हेतु गोदाम,शेड,पानी, बिजली,वटनकांटा व कर्मचारियों के वेतन आदि पर बाजार से मिला कर को ही खर्च करनाा पड़ता है.केंद्रीय अध्यादेश के कारण बाजार समितियों द्वारा प्राप्त आय पर अंकुश लग जाएगा.जिसके खिलाफ बाज़ार समितियों द्वारा एक दिन के लिए बाजार बंद कर आंदोलन किया गया।

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