भिवंडी आना मतलब यमराज से मिलना जैसा ?

उड़ान पुल बना मौत का पुल 


भिवंडी शहर के सभी मुख्य सडकॊ की दशा दयनीय होने के कारण राहगीरो का चलना दुर्शावर हो गया है सड़कें गड्ढे में है गड्ढे में सड़क है राहगीरो को मालूम नही होता ।  मनपा के भष्ट् कमीशन खोरी के चलते प्रत्येक वर्ष सड़को के निर्माण कार्य में घाटिया सामग्री का इस्तेमाल होता रहा है जिसके कारण बरसात में सड़कें बहकर गड्ढे में तब्दील हो जाया करती है इन गड्ढे को भरने के लिए मनपा प्रशासन के भष्ट् कमीशन खोरों द्वारा राबिस का इस्तेमाल न करते हुए मिट्टी का इस्तेमाल किया जा है जो दो मिनट के वारिस में बहकर कीचड़ में तब्दील हो जाता है जिसके कारण सड़कें कीचड़ युक्त दलदल होने के कारण राहगीरो को इसी दलदल व कीचड में चलना मजबूर होना पड रहा है । इन गड्ढो के वजह से शहर के सभी मुख्य सड़क मार्ग पर यातायात जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है वही पर आऎ दिन अप्रिय घटनाएं घट रही है। शांति नगर के सलाउद्दीन हाई स्कूल के सामने सड़क पर दलदल  व कीचड होने के कारण स्कूल के बच्चों को इसी कीचड़ व दलदल से गुजर कर रोज स्कूल जाना पड रहा है परन्तु   मनपा प्रशासन  कुंभकरणी नींद में मस्त है ।


उड़ान पुल बना मौत का पुल 


भिवंडी विधानसभा क्षेत्र का बंटवारा करने वाला राजीव गांधी उड़ान पुल पर बडे बडे गड्ढे के कारण जहाँ दो पहिया वाहन चालकों को मौत का दावत देते नजर आते है वही पर पानी की समुचित निकासी ना होने के कारण पुल के गड्ढे में जमा कीचड़ युक्त पानी नीचे के सड़क पर चल रहे दो पहिया वाहन चालकों व पैदल चल रहे राहगीरो को कीचड़ युक्त पानी से सरोबार कर देता है इतना ही नहीं इन गड्ढो में फंस कर चार चकिया मालवाहक वाहन को पलटने सहित दो पाहिया वाहन चालकों की घटनाओं में‌ दिनों दिन इजाफा हो रहा वर्ष २००३ में राजीव गांधी उड़ान पुल की नीव रखी गयी थी वही‌ पर वर्ष २००६ में इस उड़ान पुल का निर्माण कार्य पुरा हो गया था भिवंडी ‌मनपा द्वारा राजीव गांधी उड़ान पुल के निर्माण के लिए १४ करोड़ ९४ लाख ५५ हजार १२६ रुपये के भारी भरकम रकम‌ मात्र सौ रुपये स्टेम्प पेपर पर एग्रीमेंट करके खर्च की गई थी इस तरह अपने मूल बजट से तकरीबन सात करोड़ और अधिक रकम यानी यानि २१ करोड़ रुपये ‌९७ लाख ६२ हजार ६८ रुपये खर्चा करने के बावजूद उड़ान पुल की हालत खस्ताहाल है इस उड़ान पुल‌ पर बरसात का पानी इकट्ठा होने के कारण बडे बडे गड्ढे हो गये है वही पर इन गड्ढे को भरने में घाटिया सामाग्री का इस्तेमाल होने के कारण दो दिन में वापस गड्ढे हो जाते है काई‌ स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पुल का निर्माण कार्य में घाटिया सामान का इस्तेमाल माल हुआ है पुल में दरार आ गयी है काई जगह तो पुल में लगा सरिया भी‌ दिख रहा है ।

वता दे कि वर्ष २०१३ में इस उडान पुल‌ को खतरनाक बताते हुए इसे इस्तेमाल के लिये बंद कर दिया गया था  कुछ दिनो‌ बाद इंजीनियरों के एक टीम ने इस पुल का परीक्षण किया था परीक्षण करने बाद इंजीनियरों द्वारा इसे नागरिकों के उपयोग के लिए सुरक्षित बताया लेकिन साथ साथ मनपा प्रशासन को पुल पर पानी जमा न होने देने के लिए कहा था वही पर उड़ान पुल की सुरक्षा के लिए बरसात के पहले हर साल जल‌ निकासी कि पाइप लाईन साफ रखना आवश्यक है मगर मनपा‌ प्रशासन ने उक्त दिये गये दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए किसी बडे अप्रिय घटना के इतजार में कुंभकरणी नींद सोई हुई है ।

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