संजा माता को विदाई देकर किया विसर्जन
- राजेंद्र यादव, ब्यूरो चीफ, मध्यप्रदेश
- Sep 17, 2020
- 624 views
तलेन ।। 16 दिन के संजा पर्व का समापन गुरुवार को अमावस्या पर विसर्जन के साथ हुआ। श्राद्ध पक्ष की पूर्णिमा से लेकर अमावस्या इन 16 दिनों तक चलने पर्व में प्रतिदिन तिथि वार गोबर से आकृतियां बनाई जाती है तिथि वार संजा बनाकर कन्याओं द्वारा जलते दीपक लेकर संजा के गीत गाती है मालवी भाषा में इनके गीतों मे अबोध बाल ह्रदय की मनोभावनाओं के अंकित चित्र दिखाई देते हैं प्रतिदिन बनने वाली आकृतियों को शाम के समय दीवार पर से खुरचकर इकट्ठा किया जाता है खुरची हुई जगह को गोबर से लिप कर उसी शाम नई संजा माँडती है।घर-आंगन में शाम होते ही संजा तू थारा घर जा की थारी माय मारेगी... कुटेगी..., छोटी सी नानी लूड़कती जाए, जीमे बैठी संजा बाई..., संजा माता जिम ले.... जैसे गीत गूंजते रहते है। बालिकाएं संजा माता की आरती कर प्रसाद वितरित करती नजर आती है। इसी क्रम में गुरुवार अमावस्या को संजा माता की आरती उतार कर नगर के जल स्रोतों में कन्याओं द्वारा संजा माता का विसर्जन किया गया। तथा कन्याओं द्वारा संजा बाई का ससुराल जावांगा , घाटो रोटो खावगा गीत गाकर विदाई दी।
रिपोर्टर