
शिक्षण प्रसारक मंडल संस्था का अजब कार्यभार: संस्था संचालक ने 36 रिश्तेदारों को शिक्षक,शिक्षेकेत्तर पद पर किया गया भर्ती
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 28, 2020
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भिवंडी ग्रामीण स्थित वज्रेश्वरी अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट पर भी कब्जा
भिवंडी।। अनुसूचित जाति तथा जनजाति व आदिवासी समाज के उत्थान तथा विकास के लिए सरकार ने नौकरी में आरक्षण दिया है। किन्तु इनका लाभ अन्य लोगों ने उठाकर इनका शोषण करने की घटना भिवंडी ग्रामीण परिसर में घटित हुई है यहाँ पर एक स्कूल चलाने वाली संस्था ने एसटी व एसी के समाज के लिए आरक्षित सीट पर अपने 36 रिश्तेदारों को स्कूल में टीचर तथा अन्य पदों पर भर्ती करने का मामला प्रकाश में आया है। भुक्तभोगी ने अपने हक्क के लिए संबंधित विभागों में शिकायत कर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखल करने की चेतावनी दी है।
बतादें कि वज्रेश्वरी शिक्षण प्रसारक मंडल द्वारा रेणुका विद्यालय, झिडके विद्यालय चलाया जाता है। इस विधालय में यदुनाथ शांताराम कोदे जून 2013 से सहशिक्षक पद पर कार्यरत है लगभग 7 वर्षों से कार्यरत होने के बावजूद संस्था ने कायम स्वरूपी नियुक्ति के लिए जिला परिषद ठाणे के शिक्षण विभाग में समय पर अहवाल नही देने के कारण उनके कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.इसी प्रकार उक्त संस्था में कार्यरत आदिवासी शिक्षक व शिकक्षकेत्तर कर्मचाऱियों की भी संस्था के पदाधिकारियों ने समय समय से जानबूझकर दुर्लक्ष करने का आरोप भी लगाया है यही नहीं संस्था ने आदिवासियों के आरक्षित सीट पर संस्था ने अपने फायदे के लिए अपने रिश्तेदारों को शिक्षक तथा शिकक्षकेत्तर कर्मचाऱियों को भर्ती कर रखा हुआ है। इस संस्था की 2009 से विस्तृत जांच करने व दोषी संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग यदुनाथ कोदे ने ठाणे जिलाधिकाऱी सहित जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व शिक्षणाधिकाऱी से किया है वही पर बिगैर आदिवासी व निकटवर्तीय शिक्षकों की मान्यता रद्द कराई जाए। शिक्षण संस्था ने मेरे जैसे अनुसूचित जमाती व्यक्ति को न्याय नहीं दिया तो संस्था के विरुद्ध मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की चेतावनी अन्यायग्रस्त शिक्षक यदुनाथ कोदे ने प्रतिनिधि से बात करते हुए दी है।
उक्त संदर्भ में चंद्रकांत बांगो भोईर ,विद्यमान सचिव ,वज्रेश्वरी शिक्षण प्रसारक मंडल संस्था, वज्रेश्वरी ,ता.भिवंडी ने कहा कि सहशिक्षक यदुनाथ कोदे की स्कूल आस्थापना पर कायम नियुक्ति होने के लिए शासन की मान्यता लेना होता है,इसलिए जिला परिषद (माध्यमिक) शिक्षण विभाग द्वारा लिखित रूप से नियुक्ति के लिए अवगत कराया गया.परंतु शिक्षण संस्था कार्यालय में उनके नाम का प्रस्ताव ठाणे जिला परिषद के शिक्षण विभाग के पास भेजने का पंजीकरण नहीं है परंतु कोदे को जिला परिषद के कार्यालय ने इनके नाम की शिफारिश करने का भी पंजीकरण होने का दावा किया है ।यदि इन्होनें जिला परिषद के शिक्षण विभाग के पास किसी प्रकार लिखित अहवाल प्राप्त कर संस्था को प्रस्तुत किया है तो इसकी विस्तृत जांच कर यदुनाथ कोदे को भविष्य में निश्चित रूप से न्याय दिलाया जाएगा।
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